कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा भारत माता के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर एवँ पुष्पार्चन कर किया गया। मुख्य वक्ता डॉ राजकुमार वैदिक ने उपस्थित स्वयंसेवकों को हिन्दू सम्राराज्य दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन समस्त हिन्दू समाज के लिये गौरव का दिन है।
आज हिन्दू पदपादशाही की स्थापना हुई और वीर छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ । शुद्व शात्विक प्रेम अपने कार्य का आधार मानते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ निरन्तर राष्ट्र के उत्थान के लिये कार्य कर रहा है। संघ बर्ष में छः प्रमुख उत्सव मनाता है,
उन्ही में से एक प्रमुख उत्सव है हिन्दू साम्रराज्य दिवस। सन 1674 में ज्यैष्ट शुक्ल त्रियोदशी को हिन्दू पदपादशाही के प्रणेता शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कर हिन्दू साम्रराज्य की स्थापना की गई। शिवाजी महाराज ने महाराष्ट्र के रायगण के किले में हिन्दू पदशाही की स्थापना कर भारत को गौरवान्वित किया
। शिवाजी महाराज बचपन से ही स्वाभमानी एवं राष्ट्रभक्त थे। शिवाजी महाराज के शासन में सभी की सहभागिता रहती थी। सामान्य मछुआरों से लेकर वेदशासित पंडित सभी उनके राज्य में सहभागी थे। उनके शासन में छूआछूत का कोई स्थान नही था। वह वीर थे उन्होने कभी झुकना नही सीखा।
विसम परिस्थितियों में क्रूर शासकों से लोहा लेकर शिवाजी महाराज ने छत्रपति शिवाजी बनकर मुगलों को धूल चटाने का कार्य किया। भारत में गोरिल्ला युद्वनीति के उन्नायक शिवाजी महाराज को मना गया है। शिवाजी महाराज की माता जीजाबाई और समर्थ गुरू रामदास को शिवाजी को संस्कार देने में अहम योगदान था।रामायण और महाभारत की शिक्षा दी। उन्होंने कहा कि जो जैसा व्यवहार करे उसके साथ वैसा ही व्यवहार करो। जो तुम पर हिंसा करता है,
उसके प्रतिकार में तुम भी उस पर हिंसा करो। शिवाजी ने अपनी सूझबूझ से अनेकों किलों को जीता।शिवाजी ने अपने धर्म की रक्षा और संवर्धन के लिए ब्राह्मणों, गायों और मंदिरों की रक्षा को अपना लक्ष्य घोषित किया। छत्रपति शिवाजी महाराज का समूचा व्यक्तित्व सम्पूर्ण हिन्दू समाज के लिए आज भी मूर्तिमंत आदर्श बनकर राष्ट्र और हिन्दू समाज के हितों के लिये कार्य करने हेतु प्रेरित करता रहेगा।
कार्यक्रम का संचालन नगर कार्यवाह लव कुमार शर्मा ने किया
इस अवसर पर माननीय जिला संचालक अनिल शास्त्री, सह जिला कार्यवाह संभव जैन, जिला व्यवस्था प्रमुख मनोज कारसेवक, नगर बौद्धिक प्रमुख चैतन्य चौहान, नगर सह गौ सेवा प्रमुख दुष्यंत,प्रशांत, एथलीट एकांश, मुकेश बुर्जवाल ,जयदीप, अजय ,सुरेश, बबलू, मोनू ,गोविंदा, वेद प्रकाश, हरिओम, सत्यवीर सहित काफी संख्या में स्वयंसेवक मौजूद रहे।