बहजोई महाविद्यालय, बहजोई में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में "स्वतंत्रता के अमृतकाल में हमारा संविधान हमारा स्वाभिमान"
के अन्तर्गत मौलिक अधिकारों, मौलिक कर्तव्यों के सम्बन्ध में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया |
कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके हुआ | गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए राजनीति विज्ञान के सहायक आचार्य नेमपाल सिंह ने कहा कि मौलिक अधिकार संविधान द्वारा प्रत्येक नागरिक को बिना किसी भेदभाव के दिए गए है |मौलिक अधिकारों के बिना कोई भी भारतीय नागरिक अपने व्यक्तित्व और आत्मविश्वास को विकसित नहीं कर सकता है | मौलिक अधिकारों से ही आज समाज में अनेकों प्रकार की समस्याओं का समाधान हुआ है | आज सभी को समानता का अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, संस्कृति और शिक्षा का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार आदि संविधान द्वारा दिए गए है | इसी क्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गीता ने कहा कि जिस प्रकार सभी को मौलिक अधिकार दिए गए है, उसी प्रकार सभी के लिए मौलिक कर्तव्यों का निर्धारण भी संविधान द्वारा किया गया है |
राष्ट्र एवं समाज के उत्थान एवं व्यक्तिव विकास के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने मौलिक कर्तव्यों का पालन भी करना आवश्यक है | महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वीरेन्द्र कुमार गुप्ता ने गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्य दोनों ही व्यक्ति के विकास को समर्पित है | एक बिना दुसरे की कल्पना करना अनुचित होगा | दोनों एक दुसरे के पूरक है |
बिना मौलिक अधिकारों के व्यक्ति स्वतन्त्र नहीं है | इन कर्तव्यों के अनुसार हमें संविधान का पालन करना चाहिए तथा राष्ट्रध्वज, राष्ट्रगान का सम्मान करना चाहिए। जिन महान आत्माओं ने देश के लिए अपना बलिदान दिया है
उन्हें हमेशा अपने जीवन में एक आदर्श की तरह मानना चाहिए। कार्यक्रम में संजय कुमार, नेमपाल सिंह यादव, दीप्ति रानी, गौरव वार्ष्णेय, प्रीति शर्मा, पूजा शर्मा, तृप्ति आर्य, रामतीरथ, बलवीर सिंह, भगवान सिंह चौहान, भुवनेश कुमार, राजीव कुमार आदि शामिल रहे।