खनन प्रशासन की मिलीभगत से चल रहा मिट्टी के अवैध खनन का खेल, सूचना देने पर नहीं उठाता है खनन विभाग का फोन
बदायूं। थाना बिनावर क्षेत्र में खनन विभाग की सरपरस्ती में इन दिनों मिट्टी के अवैध खनन का धंधा परवान पर है। खनन माफिया धरती का सीना छलनी कर अवैध कालोनियों में भराव कर रहे हैं। खनन फावड़े के बजाय जेसीबी से हो रहा है, अनुमति से अधिक स्थानों पर हो रहा है, जितने गहराई तक खुदाई की अनुमति है, उसके दोगुना खोदा जा रहा है। …
और यह सब खनन विभाग और कुछ प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत से चल रहा है। जिले के आला अधिकारियों तक को इस बात की सूचना होने के बावजूद अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई खनन माफियाओं के खिलाफ नहीं की गई।
खनन माफियाओं द्वारा हो रहे अवैध खनन की सूचनाक् कई बार समाचार पत्र में प्रकाशित होने के बावजूद भी खनन विभाग और आला अधिकारी मौन है।
सूत्रों द्वारा मिली जानकारी से पता चला कि सतनाम नामक सरदार जो की हरियाणा से है वह थाना बिनावर क्षेत्र में थाने से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर बरेली बदायूं हाईवे मार्ग से सटे बरखेड़ा गोटिया मोड पर अपनी जेसीबी द्वारा ट्रैक्टर ट्रालियों से मिट्टी का अवैध खखन कर रहा है। मिट्टी खनन की शिकायतें लोगों ने कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से कीं, लेकिन खनन माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इस कारण खनन माफिया भराव के नाम पर ठेका ले रहे हैं। देहात क्षेत्रों में मिट्टी के अवैध खनन का कारोबार बड़े स्तर पर चल रहा है। रात भर सड़कों पर मिट्टी से भरे ट्रैक्टर ट्रालियां दौड़ते रहते हैं।
इस संबंध में बदायूं खनन अधिकारी बृज बिहारीलाल को अवैध खनन की सूचना देना चाहा तो उन्होंने कॉल उठाना उचित नहीं समझा।
इससे साफ जाहिर होता है कि अवैध खनन का जो कारोबार चल रहा है वह खनन विभाग अधिकारी की सर परस्थिति में चल रहा है जिस कारण कॉल नहीं उठाया गया।
इस संबंध में बिनावर थाना प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार कंबोज का कहना है कि खुद देख लो।
*जेसीबी नहीं, फावड़े से है अनुमति*
मिट्टी खनन के लिए जेसीबी से खनन करने की मंजूरी नहीं दी जाती है। रायल्टी जमा करने के बाद भी जेसीबी से खनन करने की मंजूरी न देते हुए प्रशासन सिर्फ फावड़े से ही मिट्टी उठाने की अनुमति देता है। इसके बावजूद खुलेआम जेसीबी से खनन किया जा रहा है। खनन माफिया प्लाटिंग करने वालों से हर ट्राली के हिसाब से ठेका कर लेते हैं।
खनन माफिया से हर ट्राली और डंपर के हिसाब से पुलिस और खनन विभाग पैसा लेता है, जिस वजह से उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। शिकायत पर अगर कोई अधिकारी कार्रवाई करने की रणनीति तैयार करते हैं तो सबसे पहले सूचना खनन माफिया तक पहुंच जाती है। सरकारी मानकों को दरकिनार कर मनमर्जी खुदाई से सरकार को भी करोड़ों का नुकसान हो रहा है। जिले के आला अधिकारियों तक को इस बात की सूचना होने के बावजूद अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई खनन माफियाओं के खिलाफ नहीं की गई।