भगवान महावीर मोक्ष कल्याण दिवस पर हुआ भव्य दीपोत्सव आयोजन।

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भगवान महावीर मोक्ष कल्याण दिवस पर हुआ भव्य दीपोत्सव आयोजन।

Tuesday, October 21, 2025 | October 21, 2025 Last Updated 2025-10-21T17:21:41Z
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भगवान महावीर मोक्ष कल्याण दिवस पर हुआ भव्य दीपोत्सव आयोजन।

वीर निर्वाण संवत 2552 का हुआ शुभारंभ।
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बहजोई : मंगलवार को श्री दिगंबर जैन मंदिर, गोलागंज बहजोई में श्री दिगंबर जैन सभा के तत्वावधान में भगवान महावीर मोक्ष कल्याण दिवस का पर्व कार्तिक कृष्ण अमावस्या (दीपावली) के पावन अवसर पर बड़े ही धूमधाम एवं श्रद्धा-भक्ति के साथ मनाया गया।


इस अवसर पर भगवान महावीर स्वामी को गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान एवं मोक्ष कल्याणक के प्रतीक रूप में लड्डू अर्पित किए गए। मंदिर परिसर में 24 तीर्थंकर भगवान, मूलनायक भगवान चंद्रप्रभु, भगवान महावीर एवं निर्वाण क्षेत्र व गौतम गणधर स्वामी की विशेष पूजन-अभिषेक विधि सम्पन्न हुई।
प्रथम अभिषेक व शांति धारा का सौभाग्य चंद्रप्रकाश जैन एवं विभोर जैन को प्राप्त हुआ।
गर्भ कल्याणक का प्रथम लड्डू कविश जैन, मनोज कुमार जैन (सर्राफ), जन्म कल्याणक का सुनील कुमार जैन, प्रफुल्ल जैन,
तप कल्याणक का रघुवीरसरन जैन, ज्ञान कल्याणक का राजेन्द्र जैन, अंशुल जैन को तथा मोक्ष कल्याणक का प्रथम लड्डू अर्पण करने का सौभाग्य श्री दिगंबर जैन महिला मंडल, बहजोई को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में श्री दिगंबर जैन सभा, बहजोई के महामंत्री संभव जैन ने भगवान महावीर स्वामी के उपदेशों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भगवान महावीर ने अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह और संयम को जीवन का आधार बताया। आज के युग में यदि हम इन सिद्धांतों को अपनाएँ तो समाज में शांति, सौहार्द और आत्मबल का प्रसार होगा। दीपावली का यह पर्व केवल आनंद का प्रतीक नहीं, बल्कि आत्मज्योति के जागरण का संदेश देता है। उन्होंने आगे कहा कि जैन समाज भगवान महावीर के निर्वाण दिवस एवं गौतम गणधर स्वामी के ज्ञान कल्याणक दिवस को दीपावली के रूप में मनाता है। दीपावली वास्तव में भारत की एकता, अध्यात्म और समृद्धि का लोकपर्व है। इसी के साथ नव वर्ष वीर निर्वाण संवत 2552 का शुभारंभ भी हुआ,

 जो मानवता को अहिंसा और सत्य की दिशा में आगे बढ़ने का प्रेरणास्रोत बनेगा। मंदिर परिसर में समाज के सभी महिला-पुरुष, युवक-युवतियाँ और बच्चे बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सामूहिक आरती, दीपोत्सव और भक्ति संगीत की मधुर लहरियों से वातावरण भक्तिमय हो उठा। सभी ने एक-दूसरे को दीपावली एवं वीर निर्वाण संवत 2552 की मंगल शुभकामनाएँ दीं।
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