सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं को शिक्षित एवं सशक्त बनाने का काम किया

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सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं को शिक्षित एवं सशक्त बनाने का काम किया

Wednesday, January 3, 2024 | January 03, 2024 Last Updated 2024-01-04T02:45:13Z
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सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं को शिक्षित एवं सशक्त बनाने का काम किया



सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं को शिक्षित एवं सशक्त बनाने का काम किया

राष्ट्रीय समानता दल ने मनाई सावित्रीबाई फुले की जयंती

बिल्सी। आज तहसील क्षेत्र के गांव बैरमई बुजुर्ग में भगवान सिंह के आवास पर राष्ट्रीय समानता दल के कार्यकर्ताओं ने भारत की प्रथम महिला शिक्षिका राष्ट्र माता सावित्रीबाई फुले की 193वीं जयंती पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए।


 जिलाध्यक्ष सत्यपाल सिंह शाक्य ने कहा कि सावित्रीबाई फुले का जन्म महाराष्ट्र के सतारा जिले के गांव नयागांव में तीन जनवरी 1831 को हुआ था। उस दौर में भारत में महिला शिक्षा क्रांति की प्रथम शिक्षिका,


राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले का योगदान हमको बार-बार याद आता रहेगा, क्योंकि इन्होंने शिक्षा क्रांति का आगाज उसी दौर में शुरू किया था।


 जब भारतीय समाज में हर वर्ग की महिलाओं एवं लड़कियों के लिए घर से बाहर निकलना पूर्ण रूप से प्रतिबंध था। सावित्रीबाई फुले ने अपने पति महात्मा ज्योतिवा राव फुले के सहयोग से महिलाओं एवं लड़कियों को शिक्षित बनाने एवं सशक्त बनाने के लिए


पुणे में एख जनवरी 1848 में बालिकाओं के लिए पहला बालिका विद्यालय खोला। फुले दंपति ने 1848 से 1852 तक पूरे महाराष्ट्र में लड़कियों के लिए कुल 18 स्कूल खोले। उन्होंने पूरे महाराष्ट्र में गरीब छात्रों के लिए 52 मुफ्त छात्रावास स्थापित किए। इस मौके पर संजीव कोली,



विवेक कश्यप, प्रेम सागर, राजाराम शाक्य, नेत्रपाल श्रीवास्तव, रूपकिशोर शाक्य, सुरेश गुप्ता, सोमवीर शाक्य, अवनीश शर्मा, हरपाल शर्मा, रामवीर शाक्य आदि मौजूद रहे
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