मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं अधिकारी : शंखधार

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मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं अधिकारी : शंखधार

Tuesday, September 3, 2024 | September 03, 2024 Last Updated 2024-09-03T14:15:43Z
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मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं अधिकारी : शंखधार
मिलक। भारतीय किसान संघ रामपुर के पूर्व जिला अध्यक्ष आदेश शंखधार ने जिलाधिकारी रामपुर को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं


कि कोई भी प्राईवेट कर्मचारी किसी भी सरकारी कार्यालय में बैठकर सरकारी कार्य नहीं करेगा, अगर कोई भी ऐसा अवैध प्राईवेट कर्मचारी पाया जाता है तो उसके खिलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

 लेकिन तहसील मिलक में मुख्यमंत्री के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है तथा सरकारी कार्यालयों में अवैध रूप कब्ज़ा ज़माए बैठे प्राईवेट कर्मचारियों के द्वारा ही हमारे भोले भाले किसानों को अपना शिकार बनाकर उन्हें ख़ूब लूटा जा रहा है

 जो कि जनहित में कदापि उचित नहीं है तथा उत्तर प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करने का एक प्रयास किया जा रहा है। इसी सम्बन्ध में हमारे द्वारा उपजिलाधिकारी मिलक को कई बार लिखित में तथा मौखिक तौर पर अवगत कराया गया है

 कि तहसील मिलक में कुल दस ऐसे लोग हैं जो कि हमारी नज़र में आए हैं उनके द्वारा ही सरकारी कार्यालयों में अपना अवैध रूप से कब्ज़ा जमा लिया गया है।

 लेकिन उपजिलाधिकारी मिलक द्वारा बार बार यही उत्तर दिया जाता है कि हमारी तहसील मिलक के किसी भी सरकारी कार्यालय में कोई भी प्राईवेट कर्मचारी कार्य नहीं करता है ऐसा हमें लिखित में दिया गया है।

 कुछ निजी, प्राईवेट कर्मचारी जो कि अभी तक हमारी निगाह में आए हैं उनके नाम आपको इस प्रकार से हैं।
01.श्री सुरेन्द्र कुमार, 02.कुमारी ख़ुशी (न्यायालय उपजिलाधिकारी कार्यालय मिलक) 03.श्री देवेश कुमार, 04.श्री रिज़वान, 05.श्री लक्ष्मण (न्यायालय तहसीलदार


 कार्यालय मिलक) 06.श्री नरेश कुमार, 07.विनोद उप्रेती (रजिस्ट्रार कानून गो कार्यालय मिलक) 08.श्री लवी, 09.श्री विवेक कुमार राठौर (खतौनी कक्ष तहसील मिलक) 10.श्री कृषण पाल (हल्का लेखपाल मिलक) जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में आग्रह किया है

कि इन सभी दस व्यक्तियों का आज से ही सरकारी कार्यालयों में प्रवेश बन्द कराया जाए। जिससे कि उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन भी हो सके एवं किसानों से किसी भी प्रकार की अवैध वसूली भी रोकी जा सके।
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