यूपी उपचुनाव मे 2 सीटों पर सिमट सकती है कांग्रेस ।

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यूपी उपचुनाव मे 2 सीटों पर सिमट सकती है कांग्रेस ।

Thursday, October 10, 2024 | October 10, 2024 Last Updated 2024-10-10T07:21:04Z
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यूपी उपचुनाव मे 2 सीटों पर सिमट सकती है कांग्रेस ।
लखनऊ। विधानसभा उपचुनाव के लिए 10 में से छह सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर सपा ने कांग्रेस को झटका दिया है। कांग्रेस उपचुनाव में भाजपा व रालोद के हिस्से रहीं पांच सीटों पर अपनी दावेदारी कर रही थी।

अब उसके हिस्से दाे सीटें ही आने की उम्मीद है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस का अपने सहयोगी दलों पर दबाव कम होता दिख रहा है।


सपा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा था। ऐसे में उपचुनाव में वह सात से आठ सीट पर अपनी दावेदारी बरकरार रखेगी। पिछले विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के हिस्से रही मीरापुर सीट को भी सपा अपने हिस्से में जोड़ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा व रालोद के बीच गठबंधन था।

प्रदेश कांग्रेस ने सपा से गठबंधन के तहत उपचुनाव के लिए पांच सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव केंद्रीय नेतृत्व के सामने रखा था। इनमें भाजपा के हिस्से रहीं फुलपुर, खैर, गाजियाबाद व मझवां के अलावा रालोद के हिस्से रही मीरापुर सीट पर कांग्रेस अपनी उम्मीदवार मैदान में उतारने की तैयारी में थी।


सपा के छह सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद अब गाजियाबाद, खैर, मीरापुर व कुंदरकी सीट बची हैं। इनमें गाजियाबाद व खैर कांग्रेस के हिस्से आ सकती हैं। कुंदरकी व मीरापुर सीट सपा के हिस्से में ही रहने की उम्मीद अधिक है।

 हालांकि कांग्रेस ने सभी 10 सीटों पर संविधान सम्मान सम्मेलन के जरिए कार्यकर्ताओं की सक्रियता बढ़ाने की घोषणा की थी।
कांग्रेस ने इसकी शुरुआत प्रयागराज के फूलपुर विधानसभा क्षेत्र से की थी। जिसके बाद मंझवा, मीरापुर व खैर विधानसभा क्षेत्र में सम्मेलन हुआ।

कांग्रेस ने बुधवार को कानपुर के सीसामऊ विधानसभा क्षेत्रों में संविधान सम्मेलन का आयोजन किया। शेष पांच सीटों पर 14 से 18 अक्टूबर के मध्यम सम्मेलन होंगे।
कांग्रेस सभी 10 सीटों के लिए वरिष्ठ नेताओं को प्रभारी व पर्यवेक्षक नियुक्त कर चुकी है।

कांंग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि उपचुनाव में पांच सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव केंद्रीय नेतृत्व को दिया था। सपा से सीटों के बंटवारे पर अंतिम निर्णय उसी को लेना है। कांग्रेस का लक्ष्य भाजपा को हराना है।
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