20 लाख की आबादी, एलाइजा जांच के लिए सिर्फ दो लैब
बदायूं।जिले की 20 लाख से ज्यादा की आबादी पर मात्र दो ही सरकारी लैब हैं, जहां एलाइजा की जांच की जाती है। इस समय दोनों लैबों में 20 से 25 नमूने रोजाना जांच को पहुंच रहे हैं। इसके अलावा पूरे जिले में कहीं भी एलाइजा की जांच नहीं हो रही है। यही कारण है
कि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में अब तक महज 16 ही डेंगू के केस दर्ज हैं। जबकि, पिछले साल इस समय तक 210 डेंगू के मामले सामने आ चुके थे। डेंगू को नियंत्रण करने की यह सरकारी कवायद चौंकाने वाली है।
जिले में डेंगू की जांच की व्यवस्था केवल जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में है। प्राइवेट अस्पतालों में भी एलाइजा की जांच नहीं हो रही। वजह यह है कि स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं कि कोई भी निजी चिकित्सक एलाइजा की जांच नहीं करेगा। खास बात यह है
कि एलाइजा की जांच के बाद ही पता चलता है कि डेंगू है या नहीं। जिले में 20 लाख से ज्यादा की आबादी है और डेंगू की जांच जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज जाने पर ही होगी। स्वास्थ्य विभाग के डर के कारण प्राइवेट लैब भी एलाइजा की जांच नहीं कर रही हैं।
यहीं कारण है कि डेंगू के मरीजों की न तो पहचान हो पा रही है और न ही उनकाे सही इलाज मिल पा रहा हैजिले की 17 सीएचसी, एलाइजा जांच किसी में नहीं
जिले की 17 सीएचसी हैं, लेकिन इनमें से किसी में भी एलाइजा जांच की सुविधा नहीं है। सीएचसी पर किट से डेंगू का टेस्ट होता है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज की पैथोलॉजी लैब में दूसरा सैंपल भेजा जाता है।
यहां एलाइजा टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर ही मरीजाें को डेंगू पीड़ित माना जाता है।राजकीय मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल में ही एलाइजा टेस्ट की व्यवस्था है। इसके अलावा जिलेभर की सीएचसी से सैंपल आते हैं। पॉजीटिव आने पर दोबारा सैंपल मंगवाकर एलाइजा की जांच कराते हैं। - रा