प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना: मेधावी छात्रों के लिए शिक्षा ऋण में राहत, 10 लाख तक के लोन पर 3% ब्याज छूट !
केंद्र सरकार ने मेधावी छात्रों की उच्च शिक्षा में आर्थिक सहारा देने के लिए प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना का शुभारंभ किया है। इस योजना के तहत, जिन छात्रों की वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये से कम है, उन्हें पढ़ाई के दौरान 10 लाख रुपये तक के शिक्षा ऋण पर सामान्य ब्याज दर के मुकाबले 3 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। यह योजना विशेष रूप से उन छात्रों के लिए फायदेमंद है जो देश के 860 शीर्ष गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पा चुके हैं।
हर साल करीब 22 लाख छात्र इस योजना के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं। योजना का एक प्रमुख आकर्षण यह है कि छात्रों को बैंकों या वित्तीय संस्थानों से इस ऋण को लेने के लिए किसी प्रकार की जमानत या गारंटर की आवश्यकता नहीं होगी। सरकार ने 7.5 लाख रुपये तक के ऋण पर 75 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी देने का भी प्रावधान किया है, जिससे बैंकों को भी सुरक्षा मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी दी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बताया कि विद्यालक्ष्मी योजना पूरी तरह से डिजिटल और छात्र-हितैषी प्रणाली पर आधारित होगी। इस योजना के तहत 2024-25 से 2030-31 के बीच करीब 7 लाख नए छात्रों को लाभ मिलने का अनुमान है, जिस पर सरकार का 3600 करोड़ रुपये का व्यय होगा।
छात्र अब एकीकृत पोर्टल ‘पीएम-विद्यालक्ष्मी’ पर शिक्षा ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं और ब्याज छूट के लिए भी अनुरोध प्रस्तुत कर सकते हैं। यह योजना उन छात्रों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी, जो अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं।