मंहगाई -आटा-तेल हो या मेवा-मसाला सब पर मंहगाई की मार8 माह से रुक नहीं रही दामों में आई तेजी।

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मंहगाई -आटा-तेल हो या मेवा-मसाला सब पर मंहगाई की मार8 माह से रुक नहीं रही दामों में आई तेजी।

Monday, November 18, 2024 | November 18, 2024 Last Updated 2024-11-18T11:12:54Z
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मंहगाई -आटा-तेल हो या मेवा-मसाला सब पर मंहगाई की मार
8 माह से रुक नहीं रही दामों में आई तेजी

 बदांयू 18 नवंबर। खाने-पीने की चीजों से लेकर मेवे-मसाले के दाम आसमान छू रहे हैं। दामों में वृद्धि का आलम यह है कि गरीबों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आठ माह से दामों में लगातार इजाफा हो रहा है। कई मसालों के दाम डेढ़ गुना तक बढ गये है।

रिफाइंड आयल और वनस्पति घी के दाम में 35 फीसदी तक वृद्धि हो गई है।
डेढ़ गुना बढ़ गए हैं कई मसालों के रेट, मखाने के रेट तो दोगुने हो चुके हैं।

जावित्री और इलायची के दामों में सबसे अधिक तेजी देखी गई है। देश ही नहीं प्रदेश भी महंगाई की मार से बेजार है। बढ़ती महंगाई से रोजमर्रा की जरूरत के हर सामान के दाम बढ़ते जा रहे हैं। इसी साल अप्रैल से अब तक सरसों के तेल के दाम करीब 20 फीसदी बढ़े हैं तो आटा नौ फीसदी महंगा हुआ है। रिफाइंड ऑइल और वनस्पति घी के दाम 25 से 35 फीसदी का उछाल आया है। इसी तरह मखानों के रेट करीब दोगुने हो गए हैं तो कई मसालों के दाम डेढ़ गुना तक पहुंच गए है।

 नगर के तेल घी के कारोबारी श्रीराम अग्रवाल ने बताया कि सरसों के तेल और रिफाइंड आयल सहित वनस्पति घी की कीमतों में लगातार उछाल आ रहा है। अगले साल मार्च तक इनके और बढ़ने की संभावना है। उन्होंने बताया कि इस साल अप्रैल तक थोक बाजार में पैक्ड सरसों का तेल 120 रुपये प्रति लीटर था, जबकि आज इसकी कीमत 143 रुपये प्रति लीटर है।

 इसी तरह वनस्पति घी के दाम 110 से बढ़कर 148 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। मसाला करोबारी के मनीष अग्रवाल ने बताया कि गरम मसाले में जावित्री और इलायची के दाम में भी भारी बढ़त हुई है। अप्रैल में थोक बाजार में जावित्री का दाम 1800 रुपये प्रति किलो था, जो आज 2050 रुपये प्रति किलो है। वही हल्दी, मिर्च, धनिया,जीरा भी तेजी की ओर अग्रसर है।

इसी तरह छोटी इलायची का दाम 2200 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 3150 रुपये और बड़ी इलायची के रेट 1300 से बढ़कर 2050 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। मेवे-मखानों के दामों में बादाम को छोड़ दिया जाए तो हर किसी के दामों को लगातार बढ़ते देखा जा रहा है। मंडी में गेहूं की तेजी के चलते आटा भी महंगा हो गया है।
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