इनकम टैक्स और जीएसटी टैक्स में हो बदलाव, तो विकास को लग सकेंगे पंख।।

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इनकम टैक्स और जीएसटी टैक्स में हो बदलाव, तो विकास को लग सकेंगे पंख।।

Thursday, January 23, 2025 | January 23, 2025 Last Updated 2025-01-23T08:27:00Z
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।।इनकम टैक्स और जीएसटी टैक्स में हो बदलाव, तो विकास को लग सकेंगे पंख

टैक्स में है छूट बढ़ाने की जरूरत 

नेशनल 24 लाइव न्यूज़ जनपद बरेली भारत सरकार के आगामी बजट को लेकर नौकरीपेशा, व्यापारियों समेत तमाम वर्ग के लोगों की उम्मीदें अब बढ़ गई हैं। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्तमान सरकार का बजट प्रस्तुत करेंगी। इस बार के बजट से सामान्य मध्य एवं उच्च वर्ग के लोगों को वित्त मंत्री के बजट से राहत की आप जाग उठी है। इनकम टैक्स एवं जीएसटी के बोझ तले परेशान हो रहे लोगों का कहना है कि इस बार वित्त मंत्री का बजट राहत भरा होगा। इनकम टैक्स और जीएसटी में राहत को लेकर व्यापारियों एवं उद्यमियों में एक आशा किस कारण जगी है। व्यापारियों का कहना है कि इससे पहले 2014 में अंतिम बार तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टेक्स्ट छूठ की सीमा में बढ़ोतरी की थी। इसके बाद अभी तक टैक्स की सीमा में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। 

व्यापारी और उद्यमियों का कहना है कि क्षेत्र के विकास के लिए सरकार की ओर से किया जा रहे सभी प्रयास हमारे लिए मददगार साबित हो रहे हैं। लेकिन जीएसटी और इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव होना बहुत जरूरी है। जिससे उद्योग और व्यापार की रफ्तार में तेजी आ सके। जीएसटी की दरों से व्यापारी की टूट रही कमर, 

उद्यमी और व्यापारियों के लिए सबसे बड़ी परेशानी का कारण जीएसटी की बहुत अधिक दरों का होना है। जीएसटी कई तरह के हैं जिसमें उद्यमी और व्यापारी को समझने में कठिनाई हो रही है। इससे वस्तुओं का दाम भी बहुत प्रभावित होता है। जीएसटी की तरह काम हो जिससे ग्राहकों को सस्ता सामान मिल सके जीएसटी के नियमों में बहुत अधिक बदलाव की जरूरत है

 इस कारण व्यापारी उद्योग विकास से तकनीकी कणों से जूझ रहा है। उद्यमियों से लिए जाने वाले डायरेक्ट टैक्स से सिर्फ उच्च वर्ग ही नहीं बल्कि अब प्रत्यक्ष रूप से निम्न एवं मध्यम वर्ग भी प्रभावित होता है। 

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रांतीय महामंत्री राजेंद्र गुप्ता का कहना है कि 
यूनियन सरकार का जो बजट आना है इस बजट से व्यापारियों एवं उद्यमियों को बहुत बड़ी आशाएं हैं। व्यापारी और उद्यमी चाहते हैं कि टैक्स की एक स्लिप जो 18 परसेंट की है वह समाप्त की जानी चाहिए। 5 लाख की जो सीमा इसे बढ़ाकर कम से कम 15 लख रुपए की जानी चाहिए। टैक्स के लांग टर्म गेम मैं भी पांच प्रतिशत की छूट मिलनी चाहिए। जमीन की खरीद परोक्ष में एक प्रतिशत टैक्स की छूट मिलनी चाहिए चावल के निर्यात को एक आकर्षक पैकेज घोषित किया जाए ,जिससे कि किसानों को धान का अच्छा रेट मिल सके और व्यापारियों को भी इसका फायदा हो सके। फुटकर में एफडीआई पर पुनर्विचार होना चाहिए। नया उद्योग लगाने पर उसके कंस्ट्रक्शन में जीएसटी व्यापारी को वापस मिलना चाहिए। नई इंडस्ट्रीज के सभी मिशनरी और कंस्ट्रक्शन के समान को सिर्फ पांच प्रतिशत के बारे में होना चाहिए। एक राष्ट्र और एक कर की अवधारणा को मजबूत करते हुए प्रांतीय सरकारों को अपने स्तर पर लड़े जा रहे गस्त के संशोधन प्रस्तावों पर रोक लगनी चाहिए।

           राजेंद्र गुप्ता 
 प्रांतीय महामंत्री उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल
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