जीव जंतुओं की सेवा करते हुए निष्पक्ष
लाखों योनि में मनुष्य योनि ही जीव जंतुओं की सेवा कर सकती है
संभल । झाड़ी वाले भोले नाथ राजपुर के दरबार में जीव जंतुओं की सेवा करते हुए हनुमान जी की सेवा निस्वार्थ भाव से कालीचरण बहजोई द्वारा हनुमान जी को प्रसाद खिलाया गया अपने हाथों से राजपुर की झाड़ी वाले भोले बाबा के दरबार में लग्न प्रभु से लगा बैठे
जो होगा देखा जाएगा राम जी से राम नाम कहियो कहियो जी हनुमान जी लक 84 योनियों में एक मनुष्य धन कमाता है फिर भी मनुष्य का पेट कभी नहीं भरता अन्य जीव कुछ नहीं कमाते फिर भी भगवान उनके लिए सब देते हैं
कभी भूखे नहीं मरते दिनचर्या नृत्य प्रतिदिन जीव जंतुओं पशु पक्षी गौ माता चिड़िया कबूतर गिलहरी बंदर को नित्य प्रतिदिन भोजन पानी गेहूं के दाने बाजार के दाने पानी देना प्रतिदिन दिनचर्या अच्छा बड़े सौभाग्य से जीवन मिला है क्यों ना ऐसे प्रभु के दरबार में लगाया जाए