बगरैन :- आज एम आर के वेलफेयर ट्रस्ट जात बाद हिन्दू मुस्लिम इन सब से दूर इसी कार्य को करते हुए कई वर्षों से गरीबों के जीवन में मुस्कान ला रही हैं यह एक ऐसा टीम है जो गरीबो की सेवा के मामलों में पूरी यू पी में एक मिशाल प्रस्तुत करती जा कर रही हैं । एम आर के ट्रस्ट ही एक ऐसी संस्था है जो बड़े ही रोचक ढंग से समाजसेवा में आगे रहते हैं । इनके समाजसेवा का अंदाज बड़ा ही सुन्दर होता है
यह अपने क्षेत्र ब बाहर के इलाकों घूम कर सर्वे करते रहते हैं कि किसी जरूरतमंद को किसी चीज की जरूरत तो नहीं चाहे वह जरूरतमंद हिंदू हो या मुस्लिम यह लोग सिर्फ इंसानियत देखते हैं ऐसा ही उदाहरण एक कस्बा बगरैन में हुआ कस्बे मैं टीम पानी की बोतल खरीदने के लिए उतरी तभी कुछ लोगों ने टीम को पहचान लिया और एक दुख भरी कहानी सुनाई टीम ने समय नहीं गवाते हुए उस गरीब लड़के के पास पहुंची जिसका नाम रफीक अहमद पत्र सुबराती था
जब टीम इनके मकान पर पहुंची तो देखा की एक लड़का उम्र लगभग 32 वर्ष जो पिछले लगभग 1 साल से चारपाई पर लेटा हे उसकी हालत देख टीम सन रह गई टीम ने जब लड़के से पूछा तो उसने बताया कि मेरा नाम रफीक है मैं 1 साल पहले काशीपुर में शटरिंग का काम किया करता था काम करते हुए तीन मंजिल से मेरा पैर फिसल गया और मैं सीधा जमीन पर जा गिरा जिससे मेरे पैर में गंभीर चोट आई मैंने अपना काफी इलाज कराया लेकिन ठीक ना हो सका
मेरे पिता के पास एक बीघा जमीन थी जो बेचकर मेरा इलाज हुआ लेकिन पैसे के अभाव से मेरा पूर्ण इलाज नहीं हो सका हालत यह है कि उसके पैर की हड्डी हल्के हल्के खुद टूट कर गिर रही है डॉक्टर ने कहा कि यह पैर काटना पड़ेगा जिससे कि पूरे शरीर में सेप्टिक न फैले लेकिन मेरे पास पैसे ना होने के कारण मे अपने पैर का इलाज ना करा सका थक हार
कर मैंने सब रब पर छोड़ दिया यह बात सुन टीम ने तुरंत समय न गवाते हुए उसे लड़के को ₹50000 का चेक ब आगे भी मदद का भरोसा दिलाया ट्रस्ट के चेयरमैन फारूक राजा खान ने बताया कि एम आर के वेलफेयर ट्रस्ट गरीबों के इलाज ब
शिक्षा एवं जरूरी कामों में मदद के लिए हर समय तैयार है ट्रस्ट की स्थापना 2024 में बरेली के बहेड़ी तहसील के छोटे से गांव से हुई है ट्रस्ट जात बाद नहीं देखा है ट्रस्ट का काम है कि जरूरतमंदों को उनका हक मिले