प्रदेश सरकार द्वारा निर्मित सेतुओं से आवागमन हुआ सुगम
बदायूँ : 26 नवम्बर। सेतु एक प्रकार का ऐसा ढाँचा है, जो नदियों, पहाड़, घाटी अथवा मानव निर्मित अवरोध को वाहन, रेल या पैदल पार करने के लिए बनाया जाता है। मानव सभ्यता के विकास के साथ ही आवागमन प्रचलन में आ गया था। यातायात के साधनों के शनैः शनैः विकास के साथ ही एक स्थान से दूसरे स्थान जुड़ने लगे। व्यापारिक दृष्टि से आवागमन तेजी से बढ़ा है। बीच में पड़ने वाली नदियों, घाटियों,
नालों, पहाड़ों आदि में रास्ता सुगम, शीघ्र पहुँच का बनाने के लिए लकडी, बॉस आदि से पुल बनाना शुरू किया गया था जो आज वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रगति के साथ लौह सीमेंट, पत्थर आदि से बड़े-बड़े पुल बनाकर आवागमन को सुविधाजनक बना दिया गया है। प्रदेश में उ०प्र० राज्य सेतु निर्माण निगम प्रदेश में पुल बनाने के लिए अपनी गुणवत्ता और कार्य कुशलता के लिए प्रसिद्ध है।
आज किसी भी देश, प्रदेश के विकास में सेतुओं का बहुत बड़ा योगदान होता है।
देश एवं प्रदेश के सतत् विकास के लिए मार्गों के साथ-साथ सेतुओं का निर्माण आवश्यक है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 275 दीर्घ सेतुओं को पहुंच मार्ग सहित पूर्ण कर सामान्यजन को आवागमन हेतु उपलब्ध करा दिया गया है। इनमें से 89 सेतु ऐसे हैं जो 01.04 2017 के पूर्व से विगत कई वर्षों से अपूर्ण थे। इसी प्रकार 126 रेल उपरिगामी सेतुओं तथा 16 फ्लाई ओवर को पहुंच मार्ग सहित पूर्ण कर
सामान्यजन को आवागमन हेतु उपलब्ध करा दिया गया है। इनमें से 35 सेतु ऐसे हैं जो 01.04.2017 के पूर्व से विगत कई वर्षों से अपूर्ण थे ।
दीर्घ एवं रेल उपरिगामी सेतुओं के साथ-साथ 1125 लघु सेतुओं को पहुंच मार्ग सहित पूर्ण कर सामान्यजन को आवागमन हेतु उपलब्ध करा दिया गया है। इनमें से 136 सेतु ऐसे हैं जो 01.04.2017 के पूर्व से विगत कई वर्षों से अपूर्ण थे। इस प्रकार प्रदेश सरकार के कार्यकाल मे उपरिगामी एवं रेल उपरिगामी तथा लघु सेतुओं सहित 1542 से अधिक पुलों का निर्माण करते हुए आवागमन को सुगम बनाया गया है।
इसके अतिरिक्त वर्तमान में विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर 116 दीर्घ सेतु 595, लघु सेतु एवं 110 रेल उपरिगामी सेतु, 11 फ्लाईओवर सहित 832 सेतुओं का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिन्हें प्राथमिकता पर पूर्ण किया जा रहा है।
इस 832 के अतिरिक्त सेतु निगम द्वारा निक्षेप मद में 11 दीर्घ सेतु 08 रेल उपरिगामी सेतु तथा 06 फ्लाईओवर कुल 25 सेतुओं का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। जिन्हें प्राथमिकता से पूर्ण किया जा रहा है।
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