पालतू ब्लैक कोबरा सीएमओ के नाम का फन फैलाए लूट ले रहा जिले को
मुख्यमंत्री के बाहरी व्यक्ति के दखल न करने के आदेश जिलाधिकारी एटा स्वास्थ्य विभाग में क्या करा पाएंगे लागूं
संत सरकार की जीरो टॉलरेंस नीती को जिले में लागू करना जिलाधिकारी की निष्ठा- कर्तव्य
एटा स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य को खराब करने वाले दलालों/माफियाओं का मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आवा गमन पर लगें प्रतिबंद
लखनऊ -मुख्यमंत्री कार्यालय से पिछले महीने जारी हुए आदेश एटा के स्वास्थ्य विभाग में बौने पड़े सरेआम दिख रहे है। लोक भवन लखनऊ से प्रमुख सचिव के द्वारा प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को आदेशित किया गया है, किसी विभाग में बाहरी व्यक्ति के द्वारा सरकारी कामकाज न कराया जाए।पर एटा के इस विभाग में लूट खसूट वाले काम चर्चित विभागीय दलाल से कराए जा रहे हैं,
जिन नर्सिंग होम की( ओटी सीज) सीज कार्यवाही हो रही है, उनसे मोटी रकम ऐंठने का जरिया बने दलाल के माध्यमों से धन बसूल कर सील खोलने का खेल चर्म पर पहुंच गया है, तथा मेडिकल स्टोर, अल्ट्रासाउंड सेंटर, नर्सिंग होम एवं होस्पीटल को नोटिस जारी करा कर खेल सुरू हो जाता है, मोटी रकम ऐंठने के माया जाल से क्या कोई दिला मुक्ती सकता है,
उत्तर प्रदेश के जिला एटा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश त्रिपाठी ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी है,जिसका जीता जागता उदाहरण पशु मण्डी की तरह बनते नर्सिंग होम एवं होस्पीटल है,ये ही मोटी रकम ऐंठने का जिला का हब वन गया है,एक नया रिसर्च सामने तब आया जब बिभागीय सीनियर लिपिक (वावू) ने उगल दिये अईयाशी के राज है, अब हकीकत सामने आने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पैरों तले जमीन खिसक गई है,
लेकिन नोटों के बंडल की महकमे में ऐसी चाल ब्लैक कोबरा नामक दलाल ने चल दी है, जिससे सीएमओ की ब्लैक कोबरा से दोस्ती चांदी -चांदी कटा रही है, फोटो साफ -साफ स्पष्ट चीख चीखकर गबाई स्वत: प्रमाणित कर रही है,सूत्रों के मुताबिक डॉक्टरों को लड़कियों की सप्लाई देकर विभाग अपने बस में कर रखा है,
इसी क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी , डिप्टी सीएमओं को भी शामिल कर अपने हुनर का दुरूपयोग कर लड़कियों के साथ नग्न रील वनबा कर पूरे महकमे को अपनी मुट्ठी में कर रखा है, इसलिए दलालों के चंगुल में स्वास्थ्य विभाग का स्वास्थ्य खराब हो चुका है, स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य को ठीक करने में डाक्टर विवाह चहल, डाक्टर लिखने वाले जिलाधिकारी एटा में नही है,
फिलहाल अंकित अग्रवाल जिलाधिकारी एटा को डाक्टरों का इलाज करना चाहिए, संत सरकार की जीरो टॉलरेंस नीती एटा में बौनी साबित हो रही है, मिस्टर नटवरलाल के नाम से मशहूर ब्लैक कोबरा कईओ को डस चुका है, इसका काटा पानी नही मांगता है,शहर कोतवाल के पेट में सन् 1995 में खंजर भोंक दिया था,जिसकी रिपोर्ट थाना कोतवाली नगर के अभिलेखों में धारा-307में दर्ज है,
कोतवाली नगर में अपराध संख्या -0256 /2022 धारा-147, -452,352, 323, 504,506 IPC में आईओ खरीद कर मुकद् दमा में एफआर लगवाने में कामयाब हो गया है, पुलिस भी इसके सामने लगा तार पानी भरती नजर आती है, जिसका मुख्य कारण दैनिक दीक्षित टाइम आगरा से प्रकाशित अखबार ने सरकटिया का पट्टा आवंटन कर जिला के मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त पत्रकार बना दिया है, 3यू0पी0 गुण्डा एक्ट/गैंग स्टार फर्जी एफआईआर लिखने मात्र से लोगों पर पुलिस लगा तार कानून व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से लगा रही है,
लेकिन इसपे कोई कार्यवाही नही हो रही है,योगी आदित्यनाथ सरकार की पुलिस इस के सामने नतमस्तक क्यों हो जाती है, पुलिस मुखिया ध्यान केंद्रित जरूर करें,1995 की पुलिस ने इसकी बो हाल की आगे से गीली और पीछे से पीली हालत में लोहे की सलाखों के पीछे धकेल दिया था, अब इसने अपनी नई पहचान निषाद पार्टी से जिला अध्यक्ष मनोनीत होना बनाई है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के मान्यता प्राप्त पत्रकार की नियमावली कहती है,
कोई पत्रकार किसी राजनीतिक पार्टी (दल) का पदाधिकारी या सदस्य होगा, तो तत्काल प्रभाव से मान्यता समाप्त होगी, लेकिन सूचना विभाग को सूचना न हो ऐसा नही हो सकता है, सूत्र बताते है,जिसका कारण सूचना विभाग ने इस से हफ्ता दारी बसूलना शुरू कर रखा है, डीएम साहब इधर भी ध्यान दें, इसलिए मुख्यालय की मान्यता समाप्त नही हो रही है,अपराध की दुनिया में अलग थलग पहिचान हासिल करने वाले वेताज बादशाह राकेश कश्यप है,
जिलाधिकारी एटा अपना ध्यान केंद्रित करें , सीएमओ आफिस में बहारी ब्यक्ति राकेश कश्यप प्रत्येक फाइलों को नोटिस कर ले रहा है, इस का कार्यकाल में आवा गमन पर रोक लगवाऐ अन्यथा जिले को लूट ने में माहिर खिलाड़ी लूट खा कर लगा तार पचा रहा है, दरअसल हरीशंकर कश्यप अपने पिता के साथ कच्छा बनियान बेचने की आवाज लगाने वाला कुख्यात बदमाश कम समय में करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर गया है,