सपा सांसद डाॅ. शफीकुर्रहमान बर्क का मंगलवार को निधन हो गया था। बुधवार को उनके शव को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।

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सपा सांसद डाॅ. शफीकुर्रहमान बर्क का मंगलवार को निधन हो गया था। बुधवार को उनके शव को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।

Wednesday, February 28, 2024 | February 28, 2024 Last Updated 2024-02-28T10:13:25Z
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सम्भल बहजोई।

सपा सांसद डाॅ. शफीकुर्रहमान बर्क का मंगलवार को निधन हो गया था। बुधवार को उनके शव को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।

संभल लोकसभा सीट से सपा सांसद डाॅ. शफीकुर्रहमान बर्क का मंगलवार को निधन हो गया था। बुधवार को उनके शव को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। पांच बार के सांसद रहे डाॅ. बर्क के निधन पर राजनेताओं समेत सामाजिक संठगनों ने दुख जताया है। 


संभल लोकसभा सीट से सपा सांसद डाॅ. शफीकुर्रहमान बर्क ने मंगलवार को अंतिम सांस ली। वह 93 वर्ष के थे। गुर्दे में तकलीफ के कारण पिछले कई दिनों से उन्हें मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। निधन के बाद उनका शव मुरादाबाद से संभल में दीपा सराय स्थित आवास पर लाया गया।

अंतिम दर्शन करने वालों की भीड़ बढ़ने पर शव को संभल के एक मैरिज हॉल में ले जाया गया। उनके पोते जियाउर्रहमान बर्क ने बताया कि बुधवार को संभल में ही उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। समाजवादी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए डॉ. बर्क को सपा संभल सीट से फिर उम्मीदवार घोषित कर चुकी थी।


पांच बार सांसद रहे डॉ. बर्क ने दो बार संभल संसदीय सीट से जीत हासिल की थी, जबकि इससे पहले तीन बार वह मुरादाबाद लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे। इसके अलावा संभल विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक और एक बार प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे थे।

उनके पोते जियाउर्रहमान बर्क मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से सपा विधायक हैं। अल्पसंख्यक वर्ग की राजनीति में तीखे बयानों के लिए पहचाने जाने वाले डॉ. बर्क बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक भी रहे थे।


मौजूदा संसद में सबसे उम्रदराज सांसद होने पर डॉ. बर्क को कुछ समय पहले प्रधानमंत्री ने शुभकामनाएं भी दी थीं।
1967 में लड़ा था पहला चुनाव
डाॅ. शफीकुर्रहमान बर्क ने 1967 में संभल विधानसभा क्षेत्र से स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर पहला चुनाव लड़ा था


 लेकिन जीत नहीं मिली थी। 1969 में भी स्वतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ने पर वह पराजित हुए थे। 1974 में भारतीय क्रांतिदल (बीकेडी) से चुनाव लड़कर वह पहली बार विधायक चुने गए थे।

1996 में सपा के टिकट पर पहली बार मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद का चुनाव लड़े और जीत हासिल की थी। इसके बाद मुरादाबाद से ही दो बार और सांसद रहे। फिर संभल से दो बार सांसद चुने गए।
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