बन गया कुतुबखाना पुल...व्यापारियों की नाराजगी अभी नहीं हुई
बरेली, कुतुबखाना पुल शुरू हो चुका है लेकिन उसके निर्माण का विरोध करने वाले व्यापारियों की नाराजगी अभी खत्म नहीं हुई है। नाराजगी की एक और वजह यह भी है कि पुल बनने के बाद इस इलाके में जाम की समस्या कम होने के बजाय और बढ़ गई है। यही बात कहकर उन्होंने पुल बनाने का विरोध किया था लेकिन उनकी बात न अफसरों ने सुनी और न जनप्रतिनिधियों ने।
कुतुबखाना पुल बनने में 17 महीने का समय लगा। इस पुल के निर्माण पर जोर दे रहे जनप्रतिनिधियों ने इसके शहर की लाइफ लाइन बनने का दावा किया था लेकिन अब तक यह दावा सच होने से कोसों दूर दिख रहा है।
कोतवाली से कोहाड़ापीर तक इस पुल के निर्माण की वजह से प्रभावित दुकानदार अब अपना कारोबार पटरी पर लाने में जुटे हैं। विधानसभा चुनाव में इस इलाके के 1178 दुकानदारों ने नोटा का बटन दबाकर विरोध जताया था, इस चुनाव में भी उनके बीच खामोशी छाई हुई है।
एक दवा कारोबारी ने बताया कि जब पुल नहीं था, तब भी जाम लगता था। अब तो और ज्यादा लग रहा है। रोज खबरें छपती हैं लेकिन अब किसी का ध्यान जाम पर नहीं है। नीचे ई रिक्शा खड़े होने लगे हैं। लाइटें भी चालू नहीं हुई हैं। पुताई काफी धीरे चल रही है। व्यापारी दुकान का बोर्ड नहीं लगा पा रहा है।
कई दूसरे दुकानदार भी पुल के निर्माण पर 110 करोड़ के खर्च को फिजूलखर्ची बताते हुए कहते हैं कि उन लोगों ने लखनऊ जाकर मंत्री को दिए ज्ञापन में यही बात कही थी कि पुल बनने के बाद जाम खत्म नहीं होगा।
वही अब सामने आया है। अब कोई जनप्रतिनिधि भी इस समस्या को हल कराने के लिए आगे नहीं आ रहा। दुकानदारों ने कहा कि अब तो वे किसी से आपबीती भी नहीं कह सकते। जब विपक्ष ही नहीं है तो जनता की कौन सुनेगा।
तमाम दुकानदारों के बर्बाद हो जाने की कसक
इलाके के दुकानदार कहते हैं कि 17 महीने बाद कारोबार बहाल करने की नौबत आई है इसलिए सभी दुकानदारों का पूरा ध्यान अपने कारोबार पर है।