जनपद न्यायालय के केंद्रीय सभागार में शिविर का आयोजन कर बताएं लू से बचाव के उपाय

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जनपद न्यायालय के केंद्रीय सभागार में शिविर का आयोजन कर बताएं लू से बचाव के उपाय

Wednesday, April 24, 2024 | April 24, 2024 Last Updated 2024-04-25T05:50:18Z
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जनपद न्यायालय के केंद्रीय सभागार में शिविर का आयोजन कर बताएं लू से बचाव के उपाय


माननीय प्रशासनिक न्यायमूर्ति, उच्च न्यायालय इलाहाबाद, के निर्देशानुसार एवं माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं के अध्यक्षता में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं के तत्वाधान में बुधवार 24 अप्रैल को अपरान्ह 04:30 बजे जनपद न्यायालय परिसर में स्थित


 केन्द्रीय सभागार में ऊष्माघात/लू (हीट स्ट्रोक) से बचाव के उपाय से सम्बन्धित शिविर का आयोजन किया गया है, जिसमें माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं, श्री पंकज कुमार अग्रवाल एवं समस्त सम्मानित न्यायिक अधिकारीगण उपस्थित आये तथा

 न्यायालय के तृतीय श्रेणी व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीगण द्वारा प्रतिभाग किया गया।
उक्त शिविर में डॉ० सनोज मिश्रा, उप मुख्य चिकित्साधिकारी, बदायूं, मानसिक रोग विशेषज्ञ, डॉ० कप्तान सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला पुरूष अस्पताल,



 बदायूं, डॉ० शिवपाल सिंह, त्वचा रोग विशेषज्ञ, बदायूं, डॉ० कुशल पाल सिंह, नेत्र रोग विशेषज्ञ, बदायूं आदि ने प्रतिभाग किया।

उक्त कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा विस्तार पूर्वक ऊष्माघात/लू (हीट-स्ट्रोक) से बचाव के उपाय के विषय पर न्यायिक प्रशासन के समस्त अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण को जानकारी प्रदान करायी गयी


 इस ऊष्माघात/लू (हीट स्ट्रोक) को कम करने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी व उनकी टीम द्वारा ऐसे टिप्स दिये जिससे ऊष्माघात/लू (हीट स्ट्रोक) के कारण होने वाली बीमारियों तथा उसके दुष्प्रभाव को रोका जा सके।



उक्त कार्यक्रम का संचालन श्रीमती शिव कुमारी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं, द्वारा किया गया।
इसी कम में माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश,



पॉक्सो एक्ट, बदायूं, श्री दीपक यादव द्वारा उक्त कार्यक्रम में बताया गया कि ऊष्माघात/लू (हीट स्ट्रोक) को कम करने के लिए पानी अधिक मात्रा में पीना चाहिए क्योंकि पानी की कमी से शरीर की त्वचा शुष्क हो जाती है


जिससे व्यक्ति के शरीर में विभिन्न प्रकार की गम्भीर बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं इसी कम में अपने वकतव्य में उन्होनें कहा कि ऐसे कार्यकम समय-समय पर जनपद न्यायालय बदायूं में होते रहने चाहिए


जिससे न्यायिक अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण को होने वाले दुष्परिणाम से मुक्ति मिल सके, उक्त सम्बोधन के उपरान्त माननीय अध्यक्ष महोदय की अनुमति से उक्त कार्यक्रम का समापन किया गया।
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