मिलक। रामपुर में पुलिस अधीक्षक विद्यासागर मिश्र को पीड़ितो द्वारा मसीहा कहा जाता है क्योंकि जो भी पीड़ित निष्पक्ष कार्रवाई करने को लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाता है बह कभी निराश होकर नहीं लौटता है। जब पीड़ितों को संबंधित थानों से निष्पक्ष कार्रवाई की अपेक्षा नहीं मिलती है तो वह सीधे पुलिस अधीक्षक विद्यासागर की शरण में जाते हैं
जिन्हें पुलिस अधीक्षक द्वारा सम्मानपूर्वक बैठाकर उनकी समस्या को गंभीरता पूर्वक लेते हुए उनको निष्पक्ष कार्रवाई करने का आश्वासन दिया जाता है। पीड़ित खुशी खुशी अपने घर लौट कर आ जाता है। जब उसे पता चलता है की पुलिस अधीक्षक द्वारा निष्पक्ष कार्रवाई की गई है
तो उनको वह मसीहा मान लेता है और तारीफों के पुल बादता है । ऐसा ही एक मामला थाना मिलक का है जहां पीड़िता सुबह से अपने पिता के इंतजार में बैठी थी और उसे बैठे-बैठे रात हो गई और वह अपने पिता के इंतजार में इधर-उधर भटक रही थी तभी उसने पुलिस अधीक्षक को फोन से संपर्क किया तो पुलिस अधीक्षक ने मामले को संज्ञान में लेते हुए
पीड़िता के पिता को छुड़वाया पीड़िता ने कहा अगर पुलिस अधीक्षक नहीं होते तो आज मुझे पूरी रात सड़क पर बिताना पड़ता ऐसे पुलिस अफसर की हर जगह आवश्यकता है जिससे पीड़ितों को न्याय मिल सके। और वह खुशी-खुशी अपने पिता के साथ अपने घर रात 9: बजे चली गई