बिसौली कोतवाल समेत स्टाफ ब पालिका ईओ भी बुलाए, एसपी देहात ने जारी किया नोटिस

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बिसौली कोतवाल समेत स्टाफ ब पालिका ईओ भी बुलाए, एसपी देहात ने जारी किया नोटिस

Tuesday, June 18, 2024 | June 18, 2024 Last Updated 2024-06-18T14:40:38Z
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बिसौली कोतवाल समेत स्टाफ ब पालिका ईओ भी बुलाए, एसपी देहात ने जारी किया नोटिस

बदायूं बिसौली के सीओ सुनील कुमार पर लगे आरोपों की जांच में आईजी बरेली रेंज डॉ. राकेश सिंह के हस्तक्षेप के साथ ही अब लोकल के अफसर भी सक्रिय हो गए हैं। अब एसपी देहात राममोहन सिंह ने इस मामले में बिसौली कोतवाल सुनील अहलावत समेत थाने में तैनात स्टाफ के कुछ लोगों को तलब किया है।


इतना ही नहीं मुकदमे के वादी और नाई को भी बुलाया गया है। ताकि इनके बयान दर्ज किए जा सकें। माना जा रहा है कि सीओ की कारगुजारी की जांच की आंच कोतवाल तक भी पहुंच सकती है।

एसपी देहात की ओर से 15 जून को बिसौली कोतवाल को नोटिस जारी किया गया है। इसमें उन्हें निर्देशित किया गया है कि तीन दिन के अंदर कोतवाल व्यक्तिगत तौर पर उनके कार्यालय में पहुंचें।
कोतवाल को यह जिम्मेदारी दी गई है कि नगर पालिका बिसौली के अधिशासी अधिकारी अनूप राय, सफाईकर्मियों का ठेकेदार अमित,

 शिकायकर्ता नाई विनोद कुमार, उसे दुकान से उठाकर थाने लाने वाले पुलिसकर्मी, 28 मई को कोतवाली में तैनात दिवस अधिकारी, पहरा ड्यूटी पर तैनात तीनों पहर के कर्मचारी, कोतवाली के कार्यालय में उस दिन तैनात रहे कर्मचारी भी तलब किए गए हैं।

आईजी के तेवर देख जांच ने पकड़ी स्पीड दरअसल, इस मामले की शिकायत आईजी बरेली रेंज डॉ. राकेश सिंह से भी की गई थी। आईजी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बरेली के एसपी दक्षिणी को जांच सौंप दी है


 और जल्द आख्या तलब की है। जबकि बदायूं में भी इस मामले की जांच एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने एसपी देहात को सौंपी थी। हालांकि यहां जांच की गति काफी धीमी थी लेकिन आईजी के तेवर देख लोकल स्तर पर भी जांच को रफ्तार दे दी गई है।
ये है मामला

सीओ बिसौली पर आरोप है कि उन्होंने बिसौली निवासी नाई विनोद को तकरीबन 24 घंटे तक कोतवाली बिसौली में अवैध हिरासत में रखवाया। उनकी कारगुजारी की शिकायत अफसरों तक पहुंची तो अपनी गलती छिपाने के लिए एक सफाईकर्मी की तहरीर पर नाई के खिलाफ एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया।

हालांकि नाई के परिजनों ने अफसरों के सामने अपना पक्ष रखा तो सीओ की कारगुजारी खुल गई और अफसरों ने जांच शुरू करा दी। देखते ही देखते मामला शासनस्तर तक जा पहुंचा और बदायूं पुलिस की फजीहत हो गई।
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