सबकुछ ठीक रहा तो बरेली में 2030 तक मेट्रो दौड़ने लगेगी। इसकी कवायद तेज हो गई है। यह भी साफ हो गया है कि शहर में लाइट मेट्रो नहीं, मेट्रो ही दौड़ेगी।
बरेली में लाइट मेट्रो नहीं... शहरवासी मेट्रो में सफर करेंगे। सर्वेक्षण और अध्ययन के बाद यह साफ हो गया है। अब इसकी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो रही है। बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) को डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है।
डीपीआर आते ही परियोजना धरातल पर आकार लेने लगेगी। उम्मीद है कि वर्ष 2030 तक शहर के दो रूटों पर दो कोच की मेट्रो दौड़ने लगेगी। इसमें प्रतिघंटे 15 हजार लोग आवागमन कर सकेंगे। बाद में जरूरत के मुताबिक कोच बढ़ाए जाएंगे।
राइट्स के अधिकारियों ने 24 सितंबर को बीडीए उपाध्यक्ष के समक्ष प्रस्तावित लाइट मेट्रो की प्रगति रिपोर्ट पेश की थी। तभी इस पर मंथन हुआ था कि लाइट मेट्रो चलाई जाए या मेट्रो। बीडीए ने राइट्स को 15 अक्तूबर तक इस मुद्दे पर रिपोर्ट देने के लिए कहा था।
ये मार्ग हैं प्रस्तावित
पहला रूट : रेलवे जंक्शन से चौकी चौराहा, गांधी उद्यान, सेटेलाइट बस अड्डा, बीसलपुर चौराहा, तुलसीनगर, रुहेलखंड विश्वविद्यालय,
सौ फुटा रोड, सन सिटी, बैरियर टू तक (12.5 किलोमीटर)।
दूसरा रूट : चौकी चौराहा से पटेल चौक, कुतुबखाना, कोहाड़ापीर, डीडीपुरम, डेलापीर सब्जी मंडी, आईवीआरआई, नार्थ सिटी एक्सटेंशन से
बैरियर टू तक (9.5 किलोमीटर)
बीडीए उपाध्यक्ष मनिकंडन ए. ने बताया कि अध्ययन रिपोर्ट प्राप्त हो गई है।भविष्य की जरूरतों को देखते हुए आकलन किया गया। इसके बाद लाइट मेट्रो के बजाय मेट्रो चलाने की संस्तुति की गई है। रिपोर्ट पर मंडलायुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी निर्णय लेगी। इसके बाद डीपीआर तैयार