बहजोई: बाबू मुकुट बिहारी लाल जैन महाविद्यालय में महर्षि वाल्मीकि जयंती का आयोजन कर महर्षि द्वारा रचित रामायण महाकाव्य के माहत्म्य के विषय में बताया
ग्राम नाधौस स्थित बी एम बी एल जैन कॉलेज में महर्षि वाल्मीकि जयंती समारोह का आयोजन किया गया, सर्वप्रथम समारोह के मुख्य अतिथि जेल पर्यवेक्षक ठाकुर नकुल प्रताप सिंह ने मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन कर
आयोजन का शुभारंभ किया इस अवसर पर मुख्य वक्ता निदेशक सम्भव जैन ने कहा कि वाल्मीकि जी को उनकी विद्वत्ता और तप के कारण महर्षि की पदवी प्राप्त हुई थी उन्होंने हिन्दू धर्म के सबसे अहम महाकाव्यों में से एक रामायण जैसे महान ग्रंथ की रचना की थी,
वाल्मीकि जी कहा कि उन्हें संस्कृत का आदि कवि अर्थात संस्कृत भाषा के प्रथम कवि के रूप में भी जाना जाता है। ब्रह्मा जी ने स्वयं प्रगट होकर वाल्मीकि जी को वरदान दिया और श्रीराम जी के चरित्र को काव्यरूप में लिखने की प्रेरणा दी।
इस अवसर पर नकुल प्रताप सिंह ने कहा कि वाल्मीकि जी द्वारा रचित श्रीराम जी के आदर्शों को आज पूरा संसार जान पाया।
इस अवसर पर डॉ मनोज, सौरभ सक्सेना ने एवं छात्र छात्राओं ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। अंत में प्रसाद वितरण कर समापन किया गया।
इस मौके पर देवेन्द्र यादव,अखिलेश कुमार, विनोद, कुश नंदन, नेत्रपाल सिंह, अक्षय सिंह,अंकित कुमार, आयुष, जसवंत, दीपक, प्रेमपाल, किशनपाल आदि उपस्थित रहे। अध्यक्षता नकुल प्रताप सिंह व संचालन कुश नंदन ने किया।