मनरेगा पदाधिकारी के स्वेच्छाचारिता और कहर से तंग आकर गया जिला प्रमुख संघ ने आनन-फानन में बैठक बुलाया।
गया: ज्ञान, मोक्ष, पराक्रम ,समरसता की पवित्र भूमि गया में आज 10/12/2024 को गया जिला प्रमुख संघ के अध्यक्षता में बाराचट्टी प्रमुख एवं मनरेगा पदाधिकारी के बीच योजना क्रियान्वयन के लिए हुए टकराव के विरोध में विवादित मुद्दों पर बैठक आहूत की गई। जिसकी अध्यक्षता प्रमुख संघ के अध्यक्षया मोहतरमा कांति देवी ने की।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए संघ के अध्यक्षया मोहतरमा कांति देवी ने कहा कि पदाधिकारी के द्वारा निरंतर प्रमुखों के आदेशो , अवहेलना के कारण एक छोटे से आदेश का अनुपालन नहीं हो पा रहा है। पद पर बैठे शीर्ष कर्णधारों की प्रशासनिक निष्क्रियता,कार्य के प्रति अरुचि सार्वजनिक संवाद की अनिच्छा के कारण दोनों के बीच टकराव उत्पन्न हुए है।
व्यक्ति, गांव और क्षेत्र के समानांतर उत्थान के लिए समर्पण भाव की जरूरत है। गांव के विकास के बिना देश का विकास नहीं होगा। गरीबी, अशिक्षा, बीमारी, इंफ्रास्ट्रक्चर का बड़ी समस्या है। विकसित गांव ,विकसित प्रखंड, विकसित बिहार, टकराव से नहीं होगा।
आए दिन पदाधिकारी और प्रतिनिधियों के बीच मनमुटाव होने से विकास की लकीरें खींची रह गई।
मनरेगा पदाधिकारी के उदासीनता से प्रखंड का न्यायोचित प्रगतिशील विकास नहीं हो पा रहा है।
जिले में ज्यादातर पदाधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा लापरवाही, गफलत, और असावधानी, हेर फेर ,टाल मटोल हमेशा मुश्किल सवालों से बचाना प्रतिनिधियों को ठगा सा महसूस होता है। उन्होंने कहीं की प्रतिनिधियों एवं पदाधिकारी कर्मचारियों के बीच नुक्ता चीनी नहीं होनी चाहिए।
प्रतिनिधियों और पदाधिकारी कर्मचारी दोनों आपस में संवाद कर गुणात्मक प्रगति सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए। दोनों को यह जिम्मेदारी है कि अधिक से अधिक सकारात्मक माहौल दें।
यह उनकी जिम्मेदारी है कि नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगी सहयोग, सद्भाव और सब का प्रयास की भावना होनी चाहिए।
हम जनप्रतिनिधियों , पदाधिकारीयों एवं कर्मचारी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विकास का फायदा हर किसी तक पहुंचे और कोई इससे अछूता न रहे।
बैठक में सभी प्रखंड के प्रखंड प्रमुख, प्रमुख महोदया और प्रमुख प्रतिनिधि ने अपनी बात मुद्दे पर जोरदार तरीके से उठाया।
इस मौके पर ••••