खरपतवार के दृष्टिगत कृषि विभाग ने जारी की एडवाईजरीकृषि रसायन व पानी के मिश्रित घोल का छिड़काव से होगा खरपतवारों का नियंत्रण

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खरपतवार के दृष्टिगत कृषि विभाग ने जारी की एडवाईजरीकृषि रसायन व पानी के मिश्रित घोल का छिड़काव से होगा खरपतवारों का नियंत्रण

Saturday, July 19, 2025 | July 19, 2025 Last Updated 2025-07-19T15:19:57Z
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खरपतवार के दृष्टिगत कृषि विभाग ने जारी की एडवाईजरी
कृषि रसायन व पानी के मिश्रित घोल का छिड़काव से होगा खरपतवारों का नियंत्रण


बदायूँ: 19 जुलाई। जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जनपद में मुख्यतः धान, मक्का, मुगफली, उर्द, बाजरा और गन्ना प्रमुख फसलें है। खरपतवार के दृष्टिगत बचाव एवं प्रबन्धन हेतु कृषकों के बीच प्रचार-प्रसार और जागरूगता के लिए कृषि एडवाईजरी जारी की है। उन्होंने फसलवार सुझाव एवं संस्तुतियां दी हैं

 कि धान की रूपाई हेतु समय पर श्रमिकों की समुचित उपलब्धता एक बड़ी समस्या बनती जा रही हैं। इसके साथ ऊचें दर पर श्रमिक मिलने पर धान की खेती की लागत बढ़ जाती है। इस समस्या के समाधान हेतु ड्रम सीडर मशीन द्वारा अंकुरित धान की सीधी बुवाई करने पर जल और श्रमिक पर होने वाले व्यय में कमी होती है। साथ ही बुवाई कतार में होने के कारण खरपतवार नियंत्रण में असानी होती है।

उन्होंने बताया कि धान में खरपतवारों का नियत्रण मजदूरों द्वारा करने पर अधिक व्यय की सम्भावना के दृष्टिगत फसलों में खरपतवारों के नियत्रण हेतु रसायनिक विधि का प्रयोग किया जाना तुलनात्मक दृष्टि से कम खर्चीला होने के कारण ग्राहय है। रुपाई के बाद दो-तीन दिन के अन्दर दो इंच भरे पानी में कृषि रक्षा रसायन की संस्तुत मात्रा को प्रति हैक्टर की दर से 500 ली0 पानी में घोल कर छिड़काव करने से खरपतवारों का नियंत्रण किया जा सकता है।

  उन्होंने बताया कि ब्यूटावलोसर 50 प्रतिशत ई0सी0 3ली0 मात्रा,  एनिलोफास 30 प्रतिशत ई०सी०-1.50 ली० मात्रा, प्रिटिलाक्लोर 50 प्रतिशत ई०सी०- 1.60 ली० मात्रा, पाइराइजोसल्फ्यूरान इथाइल 10 प्रतिशत डब्लू०पी०-0.15 किलो० मात्रा, विस्पाइरीबैक साडियम 10 प्रतिशत एस०सी० 0.20 ली० रोपाई के 15-20 दिन बाद प्रति०

 हैक्टर की दर से नमी की स्थिति में लगभग 500 ली० पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिये।
उन्होंने बताया कि मक्का, ज्वार व बाजरा में खरपतवार नियंत्रण हेतु एटाजिन 50 प्रतिशत डब्लू०पी० 2 किग्रा०/प्रति० है० अथवा डयूरान 80 प्रतिशत डब्लू०पी० 1.5-2.00 किग्रा मात्रा की दर से 500-700 ली० पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिये।

उन्होंने बताया कि मूगंफली की बुवाई के दो दिनों के अन्दर आक्सीफ्लोरोफेन 23.5ः ई०सी० की 600 मिली० मात्रा प्रति है० की दर से 500-600 ली० पानी का घोल का छिड़काव करने से सभी खरपतवारों का अंकुरण नहीं होता है। ईमीजाथापर 10 प्रतिशत एस०एल० की 1000 मिली मात्रा प्रति० है० की दर से 500-600 ली० पानी में घोलकर बुवाई के 10-15 दिनों पर छिड़काव करने से घास कुल एंव चौडी पत्ती वाले खरपतवारों का प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि उर्द एंव मुगं में चौडी एंव सकरी पत्ती वाले खरपतवार के निंयत्रण हेतु बुवाई के 10 दिन बाद ईमेजाथापर 10 प्रतिशत ई०सी० की 700-1000 मिली० मात्रा प्रति० है० के दर से 500-600 ली० पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिये।

उन्होंने बताया कि गन्ने में खरपतवार बुवाई से लेकर मानसून शुरु होने तक अधिक संख्या में वृद्धि करते है। चौडी पत्ती वाले घासवर्गीय एंव मौथावर्गीय खरपतवारों के नियंत्रण के लिये एट्राजिन 50 प्रतिशत डब्लू०पी० 1-4 किग्रा० या मेट्रीब्यूजीन 70 प्रतिशत डब्लू०जी० की 2-3 किग्रा० प्रति है० मात्रा 500-700 ली० पानी के साथ प्रति०है० का घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिये।
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