खण्ड विकास अधिकारी मिलक ने जिलाधिकारी के अधिकारों का किया हनन

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खण्ड विकास अधिकारी मिलक ने जिलाधिकारी के अधिकारों का किया हनन

Monday, July 28, 2025 | July 28, 2025 Last Updated 2025-07-28T14:05:14Z
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खण्ड विकास अधिकारी मिलक ने जिलाधिकारी के अधिकारों का किया हनन 

मिलक। अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के जिला अध्यक्ष आदेश शंखधार ने प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास विभाग लखनऊ को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि विकास खण्ड मिलक में शासनादेशों को ताक पर रखकर खुलेआम धांधली की जा रही है। जिला अध्यक्ष आदेश शंखधार ने कहा है कि खण्ड विकास अधिकारी मिलक धीरेन्द्र पाल सिंह चौहान द्वारा नियमों का घोर उल्लंघन करते हुए जिलाधिकारी के स्वीकृति अधिकार की पूर्णतः अवहेलना की गई है। 

खण्ड विकास अधिकारी मिलक धीरेन्द्र पाल सिंह चौहान ने मिलक में नियुक्त सचिव मुकेश कुमार शर्मा को न केवल ग्राम पंचायत क्लस्टर का भार सौंपा, बल्कि उसका वित्तीय अधिकार भी दे डाला, वह भी बिना जिलाधिकारी की अनुमति के, जो कि स्पष्टतः नियम विरुद्ध है। 

इतना ही नहीं, इस मनमानी निर्णय के बाद सम्बंधित ग्राम पंचायतों में बिना वैधानिक प्रक्रिया का पालन किए, सचिव द्वारा भुगतान भी करा दिए गए हैं। इस संदर्भ में शासनादेश पत्रांक संख्या 667/33-1-2013-696/2000 टी० सी० तथा धीरेन्द्र पाल सिंह चौहान द्वारा ज़ारी आदेश दिनांक 23.06.2025 का स्पष्ट है।

 खण्ड विकास अधिकारी धीरेन्द्र पाल सिंह चौहान द्वारा बिना वैधानिक अधिकार एवं अनुमोदन के सचिव मुकेश कुमार शर्मा को डोंगल स्वीकृत कर वित्तीय लेन-देन संपादित कराए गए, जो कि प्रथम दृष्टया एक पूर्वनियोजित एवं सुनियोजित साजिश प्रतीत होती है। उक्त कृत्य न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया की अवहेलना है, बल्कि भ्रष्टाचार की मंशा से प्रेरित एक गम्भीर दुरुपयोग भी है।

 यह स्पष्ट रूप से यह दर्शाता है कि खण्ड विकास अधिकारी मिलक द्वारा यह कार्य न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन है, बल्कि भ्रष्टाचार की ओर एक सीधा इशारा करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि सचिव के साथ मिलीभगत कर यह सारा खेल किया गया है। यह अत्यंत गंभीर स्थिति है, क्योंकि:-
01. जिलाधिकारी रामपुर के वित्तीय अधिकारों का हनन हुआ है।

02. बिना अनुमोदन के भुगतान किया गया, जो वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है।
03. खण्ड विकास अधिकारी मिलक ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए नियमों की अवहेलना की है। 
पत्र में आग्रह किया गया है

 कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषी खण्ड विकास अधिकारी धीरेन्द्र पाल सिंह के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से कठोरतम विभागीय एवं दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी इस प्रकार से नियमों की धज्जियां उड़ाने का दुस्साहस न कर सके।
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