लैगिंक समानता सभी नागरिकों का आधारभूत मौलिक अधिकार- अपर जनपद न्यायाधीश

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लैगिंक समानता सभी नागरिकों का आधारभूत मौलिक अधिकार- अपर जनपद न्यायाधीश

Tuesday, August 19, 2025 | August 19, 2025 Last Updated 2025-08-19T14:29:15Z
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लैगिंक समानता सभी नागरिकों का आधारभूत मौलिक अधिकार- अपर जनपद न्यायाधीश
बदायूँ : 19 अगस्त। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुकम में एवं माननीय जनपद न्यायाधीश /अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं के निर्देशानुपालन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं द्वारा दिनांक 19.08.2025 विधिक साक्षरता / जागरूकता शिविर का आयोजन ए०पी०एस० इन्टरनेशनल स्कूल, उझानी, जनपद बदायूं में आयोजित किया गया।
शिविर का शुभारम्भ श्रीमान अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं श्रीमती शिव कुमारी की अध्यक्षता किया गया। इसी कम में उक्त विद्यालय के छात्र-छात्राओं की 04 टीमें गठित कर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें प्रथम स्थान पर चयनित प्रतिभागी छात्र श्री अथर्व, द्वितीय स्थान पर चयनित प्रतिभागी छात्रा वंशिका कुमारी, तृतीय स्थान पर चयनित प्रतिभागी छात्रा प्रियान्शी कुमारी, चतुर्थ स्थान पर चयनित प्रतिभागी छात्रा आराध्या शर्मा, पंचम स्थान पर चयनित प्रतिभागी छात्रा जिज्ञासा कुमारी एवं षष्टम् स्थान पर चयनित प्रतिभागी छात्र श्री अक्षित जैन को श्रीमान ए०डी० जे०/ सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूँ के द्वारा प्रस्शति-पत्र व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में जिला प्रोबेशन कार्यालय की तरफ से श्रीमती छवि वैश्य द्वारा अपने वक्तव्य में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रहीं विभिन्न प्रकार की योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया।
इसी कम में श्रीमान अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं श्रीमती शिव कुमारी द्वारा अपने वक्तव्य में कार्यक्रम में उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाने संबंधी कानून के लागू होने से स्वतंत्रता के छः दशक पश्चात् बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का सपना साकार हुआ है। यह कानून 1 अप्रैल, 2010 से लागू हुआ इससे बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 नाम दिया गया है। इस अधिनियम के लागू होने से 6 से 14 वर्ष तक के प्रत्येक बच्चे को अपने नजदीकी विद्यालय में निःशुल्क तथा अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा पाने का कानूनी अधिकार मिले हैं।
इस अधिनियम की खास बात यह है कि गरीब परिवार के वे बच्चे, जो प्राथमिक शिक्षा से वंचित हैं, के लिए निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत आरक्षण को प्रावधान रखा गया है, राइट-टू-इजूकेशन एक्ट लागू होने के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि म कहा कि भारत नौजवानों का देश है, 

बच्चों और नौजवानों को उनकी शिक्षा और उनके विशिष्ट गुणों का परिमार्जन करके देश को खुशहाल और शक्तिशाली बनाया जाएगा, शिक्षा के अधिकार के साथ बच्चों एवं युवाओं का विकास होता है तथा राष्ट्र शक्तिशाली एवं समृद्ध बनता है। यह उत्तरदायी एवं सक्रिय नागरिक बनाने में भी सहायक है। इसमें देश के सभी लोगों, अभिभावकों एवं शिक्षकों का भी सहयोग आवश्यक है।

 शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने से 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को न तो स्कूल फीस देनी होगी, न ही यूनिफार्म, बुक, ट्रांसपोर्टेशन या मिड-डे मील जैसी चीजों पर ही खर्च करना होगा। बच्चों को न तो अगली क्लास में पहुँचने से रोका जाएगा, न निकाला जाएगा न ही उनके लिए बोर्ड परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा, कोई स्कूल बच्चों को प्रवेश देने से इंकार नहीं कर सकेगा, हर वर्ष 60 बच्चों को पढ़ाने के लिए कम से कम दो प्रशिक्षित अध्यापक होंगे। 

जिन स्कूलों में संसाधन नहीं हैं, उन्हें तीन साल के अंदर सुधारा जाएगा साथ ही तीन किलोमीटर के क्षेत्र में एक विद्यालय स्थापित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त पॉक्सो एक्ट, तीन नये भारतीय न्याय संहिता के कानून, गुड टच व बैड टच, किशोर न्याय बोर्ड के क्रियान्वयन, वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।


शिविर के अन्त में सभी छात्र-छात्राओं को अपने वक्तव्य में बताया कि छात्र-छात्राओं को शिक्षित होना चाहिऐ व अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक होना चाहिए। इसके अतिरिक्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क विधिक सेवायें प्रदान की जाती है, यदि किसी प्रकार पीड़ित के अधिकारों का उल्लंघन होता है तो वह अपने शिकायती प्रार्थना-पत्र कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं व सम्बन्धित थाना में निःसंकोच केस दर्ज करा सकते हैं, 

एवं साथ ही कार्यकम में उपस्थित छात्राओं से आह्नावान किया गया कि अपने आस-पास के परिवेश में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें, तथा स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखें एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं के टोल फ्री नम्बर 15100 पर भी कॉल कर विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं,
इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं का स्टाफ, असिस्टेन्ट, एल०ए०डी०सी०एस० सुश्री कशिश सक्सेना एवं पराविधिक स्वयं सेवकगण ए ए०पी०एस० इन्टरनेशनल स्कूल, उझानी, 

जनपद बदायूं को प्रधानाचार्या रवेन्द्र भट्ट व विद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। इसके उपरान्त शिविर के अध्यक्ष की अनुमति से उक्त शिविर का समापन किया गया। इसके अतिरिक्त दिनांक 13.09.2025 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन स्तर पर सुलह समझौते के आधार पर आप अपने वादों का निस्तारण करा सकते हैं।
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