जनपद के मिलक तहसील क्षेत्र के भैंसोड़ी शरीफ़ स्थित हज़रत ख़्वाजा मुहम्मद फ़साहत हसन शाह रहमतुल्लाह अलैह के 4 दिनों तक चलने वाले 25 वें सालाना उर्स का आज चौथा दिन था जिसमे सुबह 6 बजे क़ुरआने पाक की तिलावत हुई। जिसमें मौलाना हाफिज नवाज अहमद ने अपने साथियों के साथ हाफ़िज़ अहमद नवाज़ शैबी,
हाफ़िज़ व क़ारी अनवार सबाहती, क़ारी उमर सबाहती, हाफ़िज़ व क़ारी ज़ाहिद हुसैन, हाफ़िज़ नईम सबाहती, जामा मस्जिद भैंसोड़ी शरीफ़ के पेश इमाम जनाब दद्दा मियां और उर्स में आये हुए ज़ायरीन ने शिरकत की। क़ुरआन ख़्वानी के बाद सभी ज़ाएरीन ने दरगाह शरीफ़ पर ख़िराजे तहसीन पेश की और मुल्क की तरक्की व ख़ुशहाली के लिए दुआए ख़ैर की गई। कुरान ख्वानी में भारी संख्या में लोगों ने शिरकत की।
उर्स हिंदुस्तान के कोने कोने से दादा मियां के चाहने वाले अकीदतमंद हज़रात अपने अपने पीरो मुर्शिद के साथ शामिल होने के लिए आ रहे हैं, उर्स में मेला कमेटी के द्वारा वॉलेंटियर्स का भरपूर इंतेज़ाम किया गया है, जिससे कि आने वाले ज़ायरीन हज़रात को किसी किस्म की दिक्कत का सामना न करना पड़े। सर्दी को दिखते हुए दरगाह प्रबंधन की तरफ से सभी के लिए ठहरने का उचित इंतेज़ाम किया गया ,
और उर्स में आए हुए सभी आम व ख़ास लोगों के लिए लंगर का भी बेहतरीन इंतेज़ाम किया गया है।
उर्स के दिनों में भैंसोड़ी शरीफ़ में खूब चहल पहल देखने को मिली। आस पास के गाँव के लोग अपने परिवार के साथ मेले का आनंद लेने के लिए आये। उर्स में गंगा जमुनी तहजीब की एक बेहतरीन मिसाल देखने को मिली।
सूफ़ी संतो के दरबार में हर मज़हब और मिल्लत के लोग अपनी अपनी अकीदत के अनुसार अपनी श्रद्धा पेश करते हैं। संतों के दरबार में आने से लोग मन्नतें माँगते हैं और यह बात सच भी है कि बुज़ुर्गों के दरबार में लोगों की मन्नतें पूरी होती हैं।
कल उर्स की शुरुआत महफ़िल मीलाद से हुई थी, महफ़िले मीलाद का प्रोग्राम रात 3 बजे तक चला,
उसके बाद तरही मुशाएरा हुआ जिसमें नवाज़ सईदी ग़ाज़ीपुरी, असलम कलकत्तवी, उमर रामपुरी, अहमद बनारसी आदि शाएरों ने अपने अपने कलाम पेश किए। सर्दी की रात के बावुजूद मीलाद शरीफ़ की महफ़िल में भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
आज सारा दिन आम चादर पोशी का सिलसिला चलता रहा।