राजस्थान से मेरठ के 2 सिपाहियों ने रोडवेज बस हाइजैक कर 4 लोगों का किया किडनैप
मुठभेड़ में मारे गए अनिल दुजाना का भतीजा है सरगना सिपाही रिंकू
सिपाही रिंकू लोहियानगर और हेडकांस्टेबल अमित लिसाड़ीगेट से हुआ था लाइन हाजिर
आशीष तिवारी की रिपोर्ट
एटा- 24 अक्टूबर उत्तर प्रदेश पुलिस के गजब काले कारनामे आये सामने राजस्थान में मेरठ पुलिस के 2 सिपाहियों ने राजस्थान में गैंग खड़ा कर लिया। उन्होंने खुद की एसओजी तैयार कर ली। प्लानिंग 2 कारोबारियों की किडनैपिंग और फिरौती वसूलने की थी। मगर राजस्थान पुलिस ने गैंग को पकड़ लिया।
मेरठ एसएसपी ऑफिस को दोनों पुलिसवालों की डिटेल बुधवार को भेजी गई। सामने आया कि यह गैंग रिंकू सिंह ने बनाया। वह मेरठ के लोहियानगर थाने में तैनात है। उसका साथी हेड कॉन्स्टेबल अमित कुमार की तैनाती भावनपुर थाने में है। एसएसपी विपिन टाडा ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है।
इस पूरे मामले में राजस्थान पुलिस के एसपी शरद चौधरी ने बताया कि इस गैंग ने राजस्थान में बुधवार दोपहर को चूरू से झुंझुनूं जा रही रोडवेज बस को हाईजैक किया। दोनों सिपाही जखिया और उसकी पत्नी के साथ फेरी लगाकर कपड़े बेचने वालों को लूटना चाहते थे। मुनकात को यह पता था कि जखिया के पास रुपए हैं।
उसने ही रिंकू सिंह को इसकी जानकारी दी, इसके बाद उन्होंने लूट की पूरी योजना बना ली।
चूरू से जब जखिया और उसके साथ काम करने वाले रोडवेज बस में बैठे तो गैंग ने मीनू व आकाश को बस में बैठा दिया। बाकी लोग कार से पीछा करने लगे। योजना के तहत कुछ समय बाद ही मीनू ने रुपए चोरी का आरोप लगाते एक दूसरे यात्री से बहस करने लगी। खासोली धाम के नजदीक बस को रुकवा लिया। इस दौरान पीछे से आए दोनों सिपाहियों ने बस को अपने कब्जे में ले लिया।
यात्रियों को पिस्टल दिखाकर डराया। उन्हें कहा कि यह एसओजी की रेड है। उन्होंने बुलंदशहर यूपी के रहने वाले जखिया, उनकी पत्नी नाजरीन, उनके साथ काम करने वाले आरिफ और दोजी को अपने कब्जे में ले लिया।
इसके बाद उनको कार में बैठा लिया। इस दौरान बस में सवार एक यात्री ने इसकी सूचना बिसाऊ पुलिस को दे दी। पुलिस ने घेराबंदी कर दी।
इन लोगों के हौसले इतने बुलंद थे कि अपनी कार से पुलिस की बैरिकेड्स तोड़ते हुए भाग निकले। पुलिस ने इनका पीछा किया। घेराबंदी करके इनको पकड़ लिया गया। गैंग के पास से एक हथकड़ी और 2 पिस्टल होल्डर बरामद हुए हैं।
खुद की एसओजी बनाने के लिए कॉन्स्टेबल रिंकू और अमित कुमार ने पूरी प्लानिंग की। मेरठ के आकाश हॉस्पिटल में रिसेप्शनिस्ट मीनू, एडवोकेट आकाश शर्मा, ड्राइवर अनुज और मुनकात साथ लिया।
उन्हें पुलिस के तौर तरीकों के बारे भी समझाया। बाकायदा ट्रेनिंग दी। इसके बाद इस ऑपरेशन का रन किया। मगर पकड़े गए। गिरफ्तार अभियुक्त रिंकू सिंह (32), दुजाना बादलपुर नोएडा, अमित कुमार (38), कुतुबशहर सहारनपुर। अनुज नागर (28), नई दिल्ली,मीनू रानी (27), विजय नगर गाजियाबाद,मुनकात (55), हापुड़,आकाश (28), मेरठ कंकरखेड़ा।
सिपाही रिंकू नागर और हैड कांस्टेबल अमित खटाना का दुस्साहस देखिए, दोनों ही ड्यूटी छोड़कर लूटपाट करने चले गए, जबकि रिंकू के बारे में पुलिस लाइन के जीडी मुंशी तक को कोई जानकारी नहीं है।भावनपुर थाने में अमित के ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहने पर जीडी में तस्करा डाल दिया
है,राजस्थान पुलिस की तरफ से सूचना देने के बाद हो रिंकू नागर के बारे में जानकारी जुटाई गई। बताया जाता है,रिंकू नागर पुलिस में भर्ती होने के बाद भी अपराधिक प्रवृति का था। दरअसल, उसका चाचा अनिल दुजाना पश्चिमी उत्तर प्रदेश का बड़ा बदमाश रहा है, जिसे चार मई 2023 को एसटीएफ मेरठ यूनिट ने जानी थाना क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद मार गिराया था,
65मुकदमें दर्ज थे अनिल दुजाना पर
पश्चिमी यूपी के बड़े गैंगस्टरों में अनिल दुजाना उर्फ अनिल नागर का नाम आता था, गौतमबुद्धनगर जिले के दुजाना गांव का रहने वाला था,उस पर हत्या, लूट, जबरन वसूली, जमीन कब्जा जैसे संगीन आरोपों में कुल 65 आरोप पत्र दाखिल पुलिस ने किये थे,
अनिल की जगह लेना चहता था रिंकू
रिंकू दुजाना अपने चाचा अनिल दुजाना की जगह लेना चाहता था, अनिल दुजाना के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से ही रिंकू दुजाना पुलिस में रहते हुए आपराधिक घटनाओं को अंजाम बड़ा आसानी से दे रहा था,
पुलिस में रहते हुए,योगी आदित्यनाथ सरकार का खुला समर्थन था, जिसके चलते आपराधिक घटनाओं को अंजाम आसानी से दे दिया करते थे,उसकी तैनाती लिसाड़ीगेटऔर लोहिया नगर थाने में रही जहां ऊंचे तब्दील के आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले माफियाओं से साठ-गांठ हो गई थी, शिकायत के चलते पुलिस लाइन में तैनात थे,
सपा विधायक के सुरक्षा गार्ड भी रह चुके
सपा विधायक अतुल प्रधान की सुरक्षा में सुरक्षा कर्मी रह चुके रिंकू नागर उर्फ रिंकू दुजाना
शातिर अपराधी है मुनकाद
गिरोह का बदमाश मुनकाद हाल में समर गार्डन कालोनी में रहता था,उस पर लिसाड़ी गेट समेत विभिन्न थानों में कई मुकदमे दर्ज हैं, इस पर सबसे ज्यादा मुकदमे ठगी के है,