बच्चे धान की कटाई करने में व्यस्त, उपस्थिति घटने पर शिक्षक परेशान
बदायूं। परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के सामने गंभीर समस्या खड़ी हो गई है। एक ओर जहां अधिकारियों की ओर से बच्चों की 70 फीसदी उपस्थिति का अधिकारियों ने फरमान जारी किया है, तो वहीं दूसरी ओर खेतों में खड़ी धान की फसल को काटने में ग्रामीणों ने बच्चों को जुटा दिया है।
माता-पिता के साथ बच्चे सुबह ही धान की फसल काटने के लिए घरों से निकल जाते हैं। मास्साब जब घर पहुंचते हैं तो पता चलता है कि बच्चा खेत पर गया हुआ है।शासन ने एक अक्तूबर से धान खरीद करने का आदेश जारी किया हुआ है, लेकिन बीच में बारिश होने की वजह से किसान धान की फसल को नहीं काट सके।
बीते कई रोज से मौसम सही होने के कारण धान की फसल पूरी तरह पककर तैयार हो गई है। किसान इस समय जल्द से जल्द फसल काटने में लगा है। ग्रामीणों के साथ-साथ परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी इस फसल को काटने में व्यस्त हैं।
बच्चों के धान की कटाई में लग जाने से इसका सीधा प्रभाव स्कूलों में होने वाली उपस्थिति पर देखने को मिल रहा है।बीएसए वीरेंद्र कुमार सिंह ने सभी बीईओ को पत्र जारी कर विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति 70 फीसदी से कम नहीं होने के निर्देश दिए हैं। बीएसए खुद भी लगातार स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं।
उनके निरीक्षण में भी बच्चों की उपस्थिति संतोषजनक नहीं पाई गई। ऐसे में शिक्षकों को भरसक प्रयास करने के बाद भी बेवजह स्पष्टीकरण देना पड़ रहा है।