संविधान का बंधन, बंधन काटने वाला होता है : संजीव रूप

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संविधान का बंधन, बंधन काटने वाला होता है : संजीव रूप

Wednesday, November 27, 2024 | November 27, 2024 Last Updated 2024-11-27T08:58:46Z
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संविधान का बंधन, बंधन काटने वाला होता है : संजीव रूप
बिल्सी । बदायूं।तहसील क्षेत्र के यज्ञ तीर्थ गुधनी में स्थित प्रज्ञा यज्ञ मंदिर में आर्य समाज के तत्वधान में संविधान दिवस मनाया गया । इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कहा ‘ संविधान राष्ट्र की आत्मा होता है ! संविधान उस व्यवस्था का नाम है जहां प्रत्येक देशवासी सर्वांगीण विकास के लिए

स्वतंत्र होता है जहाँ परस्पर भ्रातत्व भाव तथा भेदभाव से रहित एक चरित्रवान स्वस्थ समाज का निर्माण होता है ! संविधान के दो भाग होते हैं ।दंड और पारितोषिक ! अर्थात देश में कोई भी व्यक्ति संविधान तोड़ता है तो उसे दंड देकर सुधारा जाता है

और संविधान के साथ चलकर देश का नाम रोशन करता है उसे पारितोषिक दिया जाता है ! हम सभी को अपने संविधान का अनुपालन करना चाहिए ! संविधान का बंधन बंधन काटने वाला होता है ! आर्य समाज के मंत्री मास्टर अगर पाल सिंह ने कहा संविधान उस विधान का नाम है

जहां राष्ट्र का प्रत्येक नागरिक ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ, सदाचारी, शिक्षित व संस्कारी होता है ! इस अवसर पर आर्य संस्कार शाला गुरुकुल के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए । मास्टर साहब सिंह राकेशआर्य, प्रश्नय आर्य, तृप्ति शास्त्री संतोष कुमारी, कौशिकी रानी , तानिया रानी आदि मौजूद रहे।
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