बगरैन :: होली के पावन पर्व पर गोबर की गूलरी जलाने की परंपरा न केवल धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसमें छिपा है एक वैज्ञानिक आधार भी। यह परंपरा बुरी नज़र, नकारात्मक शक्तियों, और समस्याओं के निवारण का प्रतीक मानी जाती है।
भारत की संस्कृति में विविधता और परंपरा की अनूठी मिसाल देखने को मिलती है। हर त्योहार को खास श्रद्धा और निष्ठा से मनाने की परंपरा ने हमारी संस्कृति को जीवंत बनाए रखा है। होली, जो हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है,
इसी प्रकार की एक परंपरा का प्रतीक है। होली का पर्व विशेष रूप से बुराई के अंत और अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है,
और इस दिन की खासियत है होलिका दहन की रस्म, जिसमें बुराइयां नष्ट होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।