जिला पंचायत की बैठकों में विधायकों के भी प्रस्ताव शामिल करने की मांग
लखनऊ : स्थानीय स्वशासन समिति की बैठक में सोमवार को समिति के सदस्य विधायकों ने सुझाव दिए कि जिला पंचायत की बैठकों में विधायकों के प्रस्ताव भी शामिल किए जाएं। इसके लिए न्यूनतम सीमा तय कर दी जाए ताकि प्रस्ताव को जिला पंचायत समिति की कार्ययोजना में शामिल कराया जा सके।
पंचायतों में हो रहे विकास कार्यों की शिलापट्ट पर क्षेत्रीय विधायकों का नाम भी अंकित किए जाने का सुझाव दिया।
पंचायतीराज मंत्री ओम प्रकाश राजभर की अध्यक्षता में विधान भवन में आयोजित स्थानीय स्वशासन समिति की
पहली बैठक में विधायकों ने कहा कि जिला पंचायत की बनाई सड़कों के रखरखाव की व्यवस्था में बदलाव किया जाए। पंचायतों की कई सड़कें ऐसी हैं जिनकी मरम्मत नहीं कराई गई है।
सदस्यों ने पंचायतीराज विभाग की विकासपरक योजनाओं की जानकारी के लिए अभियान चलाने और साफ-सफाई के लिए दिए गए उपकरणों व संसाधनों की नियमित जांच कराने का सुझाव दिया। यह भी कहा गया
कि आगामी पंचायत चुनाव में सीटों के चयन में आरक्षण नियमावली का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। सामान्य श्रेणी या आरक्षित श्रेणी की सीटों में नियमानुसार बदलाव किया जाए।
यह सुझाव भी दिया गया कि प्रत्येक जिले में कम से कम एक बड़ी गोशाला का निर्माण कराया जाए, जिसे माडल गोशाला के रूप में प्रस्तुत किया जाए। पंचायतों में बन रहे अंत्येष्टि स्थलों की संख्या बढ़ाने व अंत्येष्टि स्थल तक जाने के लिए मार्ग के निर्माण की बात कही गई।
ग्राम पंचायतों में बनी नालियों की साफ-सफाई की समस्या को सभी सदस्य विधायकों ने उठाया। पंचायतों में उत्सव घर की संख्या को और बढ़ाने, पंचायत भवनों पर अवैध कब्जे, साफ-सफाई के लिए नियुक्त कर्मचारियों से अन्यत्र जगहों पर काम लेने का मुद्दा भी उठा।
मंत्री राजभर ने समिति के सदस्यों के सुझाव पर विचार करने और गाइडलाइन के तहत निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया। बैठक में विधायक राजेन्द्र प्रसाद चौधरी, ओम कुमार,
संदीप सिंह, महेश चन्द्र गुप्ता, राजीव गुप्ता, रमेश जायसवाल, राजेश त्रिपाठी, पंकज गुप्ता, वेदप्रकाश गुप्ता, मनीषा अनुरागी के साथ ही प्रमुख सचिव पंचायतीराज अनिल कुमार तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।