मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना से लाभान्वित कृषकों की सिंचन क्षमता में हुई वृद्धि
बदायूँ : 08 दिसंबर। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश के किसानों के हित में अनेकों योजनाएं संचालित करते हुए उन्हें लाभान्वित किया है। किसानों को फसल की सिंचाई के लिए नहरों, तालाबों, राजकीय नलकूपों, बाँध-बन्धियों के माध्यम से सुविधायें दी गई हैं। इसके अतिरिक्त किसानों को निजी नलकूप लगाने के लिए प्रदेश सरकार अनुदान भी देती है। प्रदेश में संचालित मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना किसानों को सिंचाई के लिए उथले, मध्यम और गहरे नलकूप बनाने के लिए प्रदेश सरकार आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रही है, जिससे वे आत्मनिर्भर हो सकें
और अपनी कृषि उत्पादकता बढ़ा सकें। इससे किसानों की कृषि भूमि की सिंचाई क्षमता भी बढ़ती है। इसमें छोटे और सीमांत किसान भी लाभान्वित होते हैं।
मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजनान्तर्गत लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण करना होता है। इसमें खसरा और खतौनी की नकल, 61ख की नकल (जमीन संबंधी दस्तावेज), इंजन क्रय करने का कोटेशन और बिल, पासपोर्ट साइज की फोटो, निवास/जाति प्रमाण पत्र, ग्राम सभा के प्रस्ताव की नकल, आधारकार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति आदि आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर प्रस्तुत करना पड़ता है।
बोरिंग का काम शासन द्वारा चयनित एजेंसियों द्वारा गुणवत्ता नियंत्रण आईएसआई मार्क वाले पाइप सहित किया जाता है।
उथले नलकूप : इस योजना का मुख्य उद्देश्य लघु एवं सीमान्त कृषकों को कृषि उत्पादकता में वृद्धि हेतु उन्हें सिंचाई के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। योजना में 110 एमएम (4) व्यास पीवीसी पाइप से 30 मी0 गहराई तक के उथलें नलकूपों का निर्माण कराकर सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। इस योजना के अंतर्गत सामान्य श्रेणी के लघु कृषकों को बोरिंग, पम्पसेट, जल वितरण प्रणाली के लिए कुल रुपये 33800 अनुदान दिया जाता है। इस योजना में सामान्य श्रेणी के सीमांत कृषकों को बोरिंग, पम्पसेट,
जल वितरण प्रणाली हेतु रु0 45400 तथा अनुसूचित जाति/अनु0जनजाति के लघु एवं सीमांत कृषकों को बोरिंग, पम्पसेट और जल वितरण प्रणाली के लिए रु0 57000 अनुदान दिया जाता है। प्रदेश में वर्ष 2024-25 से सितम्बर, 2025 तक 383116 से अधिक उथले नलकूपों की स्थापना करते हुए किसानों को लाभान्वित किया गया है।
मध्यम गहरे नलकूप- इस योजनान्तर्गत प्रदेश के 31 से 60 मीटर गहराई वाले जलग्राही क्षेत्रों में मध्यम गहरे नलकूपों की बोरिंग की जाती है।
योजना में सभी जाति/श्रेणी के कृषक पात्र हैं। योजनान्तर्गत नलकूप की लागत का 50 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य है, जिसमें बोरिंग/ ड्रिलिंग, पम्पसेट, एसेम्बली (बोरिंग में प्रयुक्त पाइप) पम्प हाउस, का निर्माण किया जाता है। इसमें अधिकतम रू0 1,75,000.00 का अनुदान दिया जाता है, जिसमें ऊर्जीकरण इत्यादि का व्यय सम्मिलित है। जल वितरण प्रणाली हेतु भूमिगत पाइप लाइन/पक्की नाली निर्माण/एच०डी०पी०ई० पाइप हेतु लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम रू0 14,000.00 का अतिरिक्त अनुदान कृषकों को अनुमन्य है। इस प्रकार जल वितरण प्रणाली को सम्मिलित करते हुए कुल रू0 1,89,000.00 अनुदान दिया जाता है।
इस योजना के अन्तर्गत निर्मित नलकूपों के ऊर्जीकरण की समस्या के समाधान हेतु उक्त वर्णित अनुदान के अतिरिक्त प्रत्येक नलकूप पर ऊर्जीकरण हेतु उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की प्रचलित दर पर प्रति नलकूप रू0 68,000.00 अथवा जो भी कम हो, दिया जाता हैं। इस प्रकार योजनान्तर्गत किसानों को लाभ लेने पर कुल रू. 2,57,000.00 का अनुदान दिया जाता है।
इसमें प्रति नलकूप 10 हे0 अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन किया जाता है। प्रदेश में वर्ष 2024-25 से सितम्बर, 2025 तक 8740 से अधिक नलकूपों की बोरिंग कराकर किसानों को फसल सिंचाई की सुविधा दी गई है।
गहरे नलकूप- इस योजना के अन्तर्गत गहरे स्ट्रेटा वाले क्षेत्रों में 61 मीटर से 90 मीटर गहराई तक हैवीरिंग मशीनों से बोरिंग कर सिंचाई सुविधा प्रदान की जाती है। योजना में सभी श्रेणी के कृषक पात्र हैं। इस योजनान्तर्गत नलकूप निर्माण हेतु लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम रू. 2,65,000.00 अनुदान दिया जाता है,
जल के अपव्यय को रोकने हेतु जल वितरण प्रणाली की स्थापना के लिए रू. 14,000.00 का अनुदान एवं ऊर्जीकरण हेतु रू0 68,000.00 का अनुदान दिया जाता है। इस प्रकार इस योजना के अंतर्गत किसानों को सरकार द्वारा कुल रू. 3,47,000.00 का अनुदान दिया जाता है। प्रति नलकूप 12 हे0 अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन किया जाता है। इस योजनान्तर्गत वर्ष 2024-25 से सितम्बर, 2025 तक 3935 से अधिक गहरे नलकूप की बोरिंग करते हुए किसानों को सिंचाई की सुविधा प्रदान की गई है।
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