सीओ के स्थानांतरण से संतुष्ट नहीं पीड़ित, सीएम से मिलने लखनऊ जाएंगे l
सम्भल चंदौसी। भाजपा नेता प्रेमपाल सिंह द्वारा जमीन हड़पने के मामले में खुद की पीठ में गोली इंप्लांट करा कर निर्दोष तीन लोगों को जेल भिजवाने के मामले में सीओ डॉ. प्रदीप कुमार सिंह के स्थानातंरण से पीड़ित संतुष्ट नहीं हैं।
न्याय के मांग कर रहे पीड़ितों का कहना है कि पुलिस अफसर कह रहे हैं कि विभागीय छवि धूमिल हो रही है, निर्दोष तो जेल से बाहर आ गए, अब रहने भी दो। अब वह एडीजी बरेली से मिलेंगे। यदि वहां से भी इंसाफ नहीं मिला तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ जाएंगे।
बता दें कि 27 जुलाई की रात भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के नगराध्यक्ष व राशन डीलर प्रेमपाल सिंह ने पड़ोसी मोहल्ला लोधियान की त्रिवेणी देवी की जमीन हड़पने के लिए षड्यंत्र के तहत खुद की पीठ में गोली इंप्लांट करा कर महिला के बेटे
दिलीप व हेमंत समेत मोहल्ले के ही श्यामलाल के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करा कर जेल भिजवा दिया था। महिला ने जब उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मदद की गुहार लगाई तो दोबारा से जांच हुई। जिसमें कोर्ट ने तीनों आरोपियों को बरी कर दिया। तीनों 37 दिन जेल काट कर बाहर आए।
सीओ डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने दिलीप की अंटी में तमंचा लगाया था। चौकी इंचार्ज रामकुंवर की भूमिका भी संदिग्ध पायी गई। वहीं भाजपा नेता जयवीर ने गोली इंप्लांट की थी। पीड़ितों ने राज्यमंत्री गुलाब देवी से भी न्याय की गुहार लगाई थी।
इसके एक माह बाद विभागीय अफसरों ने सीओ का स्थानांतरण गुन्नौर कर दिया। जिससे पीड़ित परिवार संतुष्ट नहीं है। पीड़ित भाई दिलीप व हेमंत का कहना है कि इस मामले में राज्यमंत्री ने तीन दिन में सीओ और चौकी इंचार्ज को हटाने व कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया था। साथ ही जयवीर की गिरफ्तारी की भी बात कही।
सीओ का स्थानांतरण कर अफसर मामले को दबाना चाहते हैं। चौकी इंचार्ज को भी न हटाया गया और न ही कोई कार्रवाई की गई। जयवीर की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। पीड़ितों का कहना है कि पुलिस अफसर बार-बार यही कहते हैं कि पुलिस विभाग की छवि धूमिल हो रही है।
जेल गए लोग जेल से बाहर भी आ गए। अब इस मामले को यहीं रहने दो। पीड़ितों का कहना है कि अब वह एडीजी बरेली से मिलेंगे। फिर न्याय नहीं मिला तो लखनऊ पहुंच कर मुख्यमंत्री के सामने पेश होकर न्याय की गुहार लगाई जाएगी। इतना ही नहीं जरुरत पड़ी तो अदालत का दरबाजा खटखटाएंगे।
निर्दोष भाई दिलीप व हेमंत की मां त्रिवेणी देवी ने बताया कि उन्होंने भाजपा नेता से 33 लाख रुपये में 11 बीघा जमीन खरीदी थी। बैनामा भी करा कर दाखिल खारिज भी करा लिया था। बाद में दाखिल खारिज निरस्त हो गया।
पता चला कि उक्त जमीन पर किसी अन्य का कब्जा है। जिससे उसका बैनामा भी फर्जी करार दे दिया गया। जिससे त्रिवेणी देवी रकम वापस करने की बात भाजपा नेता से कर रही थी। इसी के चलते भाजपा नेता ने षड़यंत्र रच कर तीन निर्दोषों को फंसा दिया था।