बदायूं। आखिरकार दो साल बाद जिला अस्पताल के ब्लड बैंक को ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट का लाइसेंस मिल ही गया। अब मरीजों को आरबीसी, प्लाज्मा, प्लेटलेट्स के लिए दूसरे जनपदों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। लाइसेंस मिलने के साथ ही मशीनों को लगाने का काम शुरू हो गया है। करीब 15 दिन बाद यहां लोगों को कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट की सुविधा मिलने लगेगी।
जिला अस्पताल में 2021 में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट (बीसीएसयू) बनाने का काम शुरू हुआ था। इसके लिए 50 लाख रुपये की लागत से भवन का निर्माण कराया गया, साथ ही मशीनें मंगवाई गईं। स्टाफ को भी प्रशिक्षित कर तैयार कर दिया गया। इसके बाद लाइसेंस के लिए आवेदन किया गया। कुछ समय तक तो फाइल बदायूं
में ही पड़ी रही। इसके बाद दो साल तक फाइल लखनऊ में पड़ी रही। पैरवी न होने के चलते लखनऊ में भी फाइल ठंडे बस्ते में चली गई। अब सीएमएस डॉ. कप्तान सिंह ने पैरवी की, इसके बाद सुनवाई हो सकी।औषधि निरीक्षक लवकुश कुमार ने बताया कि सितंबर में गाजियाबाद की टीम ने जिला अस्पताल में संचालित ब्लड बैंक का निरीक्षण किया था। यहां सारी व्यवस्थाएं ठीक मिलीं थीं।
इसी के चलते अब लाइसेंस जारी कर दिया गया है।यहां बता दें कि जिला अस्पताल में डेंगू, मलेरिया, आग से जलने, घायल आदि के मरीज बड़ी संख्या में आते हैं। इन पीड़ितों को रक्त की जरूरत पड़ती है, लेकिन उनको यहां सुविधा नहीं मिल पाती। यूनिट संचालित होने के बाद मरीजों को बरेली और दिल्ली की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।