कर्मचारी संगठन निजीकरण के किसी स्वरूप के पक्षधर नहीं।
लखनऊ। बिजली आपूर्ति कंपनियों के निजीकरण प्रस्ताव से राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन सहित अन्य सहमत नहीं हैं, सभी संगठन निजीकरण के किसी भी स्वरूप के पक्षधर नहीं, बल्कि वर्तमान स्वरूप में सुधार के कार्यक्रम संगठन व प्रबंधन के हर स्तर पर सहयोग देने के लिए कटिबद्ध हैं।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन अध्यक्ष के आमंत्रण पर संगठन के प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय अध्यक्ष जीवी पटेल के नेतृत्व में, ऊर्जा प्रबंधन से मिला और प्रस्तावित निजीकरण के मुद्दे पर चर्चा की। पटेल ने बताया कि ऊर्जा प्रबंधन को स्पष्ट किया गया कि संगठन निजीकरण के किसी भी स्वरूप का पक्षधर नहीं है।
वे ऊर्जा क्षेत्र की बेहतरी के लिए प्रबंधन के हर प्रयास में पूरी क्षमता के साथ कार्य करने के लिए कटिबद्ध हैं, अब उन्हें अपने आप को प्रमाणित करने का अवसर दिया जाए। उड़ीसा राज्य में भी निजीकरण का प्रयोग विफल रहा।
कार्मिकों व उपभोक्ताओं को दुष्प्रभाव झेलना पड़ा। संगठन के केंद्रीय महासचिव जय प्रकाश ने बताया कि सरकार और ऊर्जा प्रबंधन के मार्गदर्शन में कारपोरेशन की स्थिति में सुधार हुआ है। निजीकरण के बजाय कार्य में आ रही दिक्कतों को दूर किए जाने की जरूरत है।
उपभोक्ता सेवा में इसी व्यवस्था में रहकर छोटे छोटे प्रयासों से बड़ा परिवर्तन किया जा सकता है।
वार्ता में प्रबंधन की ओर से सीएमडी यूपीपीसीएल डा. आशीष गोयल, निदेशक कार्मिक, निदेशक वितरण यूपीपीसीएल मुख्य अभियंतागण व संगठन की ओर से केंद्रीय महासचिव जय प्रकाश, केंद्रीय प्रचार सचिव कैलाश सिंह यादव, केंद्रीय वित्त सचिव दीपक शर्मा, संदीप, रत्नदीप आदि उपस्थित रहे।