कानपुर। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य रविवार को वीर बाल दिवस के आयोजनों के अवसर पर ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज पहुंचे। यहां आयोजित संगोष्ठी में महत्वपूर्ण बयान भी दिया। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में साहिबजादों के बलिदान को तुष्टीकरण की राजनीति के कारण छिपाया गया।
उनका मानना था कि गुरुओं और उनके पुत्रों के बलिदान के इतिहास को समाज के हर वर्ग को जानना चाहिए था, लेकिन इसे लगातार छिपाया गया। मौर्य ने यह भी कहा कि वीर बाल दिवस का महत्व गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस से कम नहीं है और इसे पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाना चाहिए। उनका यह भी कहना था कि इतने बड़े बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता और इसे सही रूप में प्रस्तुत करना सरकार की जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने तुष्टीकरण की राजनीति पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि अब तक सिर्फ अंग्रेजों के अत्याचारों को ही प्रमुख रूप से बताया गया, जबकि मुगलों ने भी भारतीयों पर अत्याचार किए थे, लेकिन इनकी जानकारी छिपाई गई। मौर्य ने कहा कि यह सब अब उजागर किया जाएगा और इतिहास को सही तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा।
इसके बाद मौर्य ने खालसा इंटर कॉलेज में आयोजित वीर बाल दिवस से जुड़े
कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया जाएगा, जो भारतीय इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। उन्होंने इसे और भी बड़ा बनाने की आवश्यकता की बात कही, ताकि साहिबजादों के बलिदान को सही मायनों में सम्मान मिल सके।
मीडिया से बातचीत के दौरान केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को सियासत विरासत में मिली है, जिसके कारण उन्हें घमंड है। मौर्य ने कहा कि अगर राहुल गांधी संघर्ष से राजनीति में पहुंचे होते तो संसद में धक्का नहीं देते। उनके इस बयान का इशारा राहुल गांधी के हालिया संसद में व्यवहार की ओर था।
मौर्य ने समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि राजनीति चमकाने के लिए कई लोग संघ का नाम लेते हैं। अगर आज अखिलेश यादव को सर संघ चालक मोहन भागवत का बयान अच्छा लग रहा है तो उन्हें संघ की शाखाओं में जाना चाहिए। यह बयान अखिलेश यादव की हालिया टिप्पणी के संदर्भ में था, जिसमें उन्होंने मोहन भागवत के बयान का समर्थन किया था।