नेशनल 24 लाइव न्यूज़ जनपद बरेली
देश भर के शिक्षक कर्मचारी और अधिकारी लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना की बहाली और सरकारी संस्थाओं की निजीकरण की समाप्ति की मांग को लेकर संघर्षरत है। इसी के क्रम में आज अटेवा- पेंशन बचाओ मंच ने प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन कलेक्ट्रेट पर प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा। जिसमें सामाजिक सुरक्षा के लिए
पुरानी पेंशन बाल करने हेतु और नई पेंशन एनपीएस एवं हाल ही में शुरू की गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम को समाप्त करने की मांग की गई है। ज्ञापन में एनपीएस और यूपीएस जैसी योजनाएं कर्मचारियों के भविष्य को अंधेरे में धकेल रही है जिस देश के करोड़ों शिक्षकों,
कर्मचारियों और अर्ध सैनिक बलों में असंतोष व्याप्त हो रहा है। अकेला के अनुसार प्रधानमंत्री ने जनवादी मामलों में अभूतपूर्व निर्णय लेने की क्षमता है और देश का शिक्षक कर्मचारी समुदाय उनसे पुरानी पेंशन बहाली जैसे ऐतिहासिक कदम की उम्मीद करता है
ज्ञापन में दावा किया गया है कि यूपीएस के प्रावधान एनपीएस से अधिक घातक हैं जिसके चलते कर्मचारी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर इस मुद्दे पर सरकार ने कोई भी अनदेखी की तो उसके खिलाफ देशव्यापी काला दिवस मनाया जाएगा।
और 1 में 2025 को मजदूर दिवस के अवसर पर जंतर मंतर पर विशाल प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा इस प्रदर्शन में शिक्षक कर्मचारी और अधिकारी बड़ी संख्या में शामिल होंगे।
देश की सुरक्षा में जुटे दिन रात अर्धसैनिक बल भी एनपीएस और यूपीएससी प्रभावित हुए हैं। इन योजनाओं से उनके भविष्य को अंधकार में डाल दिया है इसके अलावा सरकारी संस्थाओं के बढ़ते निजीकरण पर सवाल उठाते हुए संगठन ने कहा कि देश की परम संपत्तियों पर जनता का अधिकार होना चाहिए। निजीकरण को समाप्त कर राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देना चाहिए। यही इस समस्या का सबसे अच्छा समाधान है। अटेवानी प्रधानमंत्री से अपील की है
कि वह एनपीएस यूपीएस को खत्म कर पुरानी पेंशन बहाली योजना को तत्काल चालू करें। संगठन ने भरोसा जताया है कि इस मांग को प्रधानमंत्री के द्वारा पूरा किया जाएगा। मांग पूरी करने पर देश के समस्त शिक्षक कर्मचारी और अधिकारी वर्ग सरकार का आभारी रहेगा।
प्रदर्शन करने के दौरान अटेवा के संजीव मल्होत्रा ,रामकुमार यादव, मनीष कुमार गंगवार, हेम गंगवार रूप किशोर, नीतू वर्मा ,प्राची शर्मा, नीलम शर्मा, भूप सिंह ,डॉक्टर पंकज यादव ,आशीष शर्मा, जितेंद्र शर्मा, वीरेंद्र गंगवार और संगठन के आदि लोग मौजूद रहे।