आसफपुर संविलियन विद्यालय खेड़ा दास में गांधी-शास्त्री जयंती मनाई गई: विद्यालय में राष्ट्र की एकता की शपथ दिलाई गई!

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आसफपुर संविलियन विद्यालय खेड़ा दास में गांधी-शास्त्री जयंती मनाई गई: विद्यालय में राष्ट्र की एकता की शपथ दिलाई गई!

Thursday, October 2, 2025 | October 02, 2025 Last Updated 2025-10-03T04:20:42Z
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आसफपुर संविलियन विद्यालय खेड़ा दास में गांधी-शास्त्री जयंती मनाई गई: विद्यालय में राष्ट्र की एकता की शपथ दिलाई गई!
फैजगंज बेहटा संविलियन विद्यालय खेड़ा दास में विद्यालय परिवार के द्वारा आज पूर्ण हर्षोल्लाश के साथ गांधी-शास्त्री जयंती कार्यक्रम समारोह पूर्वक मनाया गया। गांव में प्रभात फेरी निकाली गई, ध्वजारोहण एवं महापुरुषों के जीवन संघर्ष के बारे में अपने-अपने विचार प्रस्तुत कर बच्चों को प्रोत्साहित किया गया विद्यालय से प्रभात फेरी के दौरान स्लोगन एवं नारों का चयन सुधारानी के द्वारा किया गया एवं कराया गया।

 छायांकन ममता यादव के द्वारा किया गया। रैली का निर्देशन रूबी सिंह के द्वारा किया गया एवं समस्त विद्यालय स्टाफ ने अपनी अपनी जिम्मेदारियां का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। नीलम वार्ष्णेय प्रधानाध्यापिका के द्वारा महापुरुषों के चित्रों का अनावरण कर उनके जीवन से संबंधित प्रेरक प्रसंगों पर चर्चा कर बच्चों को प्रोत्साहित किया गया।
 शशिवाला के द्वारा संघर्ष, ईमानदारी, निष्ठा, साहस, एवं देशभक्ति की मिसाल श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन पर प्रकाश डाला गया। सर्वेश कुमार के द्वारा गांधी दर्शन की प्रासंगिकता पर चर्चा करते हुए कहा गया कि गांधी दर्शन का अनमोल सूत्र- सत्य,अहिंसा, भाईचारा हमेशा देश को परिवर्तन काल में भी ऊर्जापूर्ण तरीके से नई राह पर चलने के लिए ताकत देता रहेगा। उदाहरण देते हुए

 कहा कि यदि देश में झूठ का बोलबाला हो जाए तो हर इंसान खुद को असुरक्षित महसूस करेगा और उसकी ऊर्जा सही दिशा में लगने की बजाय सिर्फ खुद को झूठ का शिकार होने से बचने में ही अधिक लगेगी। ऐसे ही हिंसा जो कई प्रकार की होती है जैसे शारीरिक हिंसा, वाणी की हिंसा, मन की हिंसा यह सभी प्रकार की हिंसाएं बहुत ही दुख पहुंचाती हैं। अतः हम वाणी से सौम्य रहे, सत्य बोले, मन से सभी के प्रति अच्छा भाव रखें सभी को सम्मान दें यही अहिंसा है इसका पालन राष्ट्र को हमारे लिए माता की गोद की तरह बना देगा। 

अतः हम सबको अहिंसा का पालन करना चाहिए ताकि हमारा 'बन्दे मातरम' सिर्फ शब्दों में ही नहीं व्यवहार में भी झलके। भाईचारा की बात करें तो भाईचारा ही वह अंतिम सूत्र है जो देश को स्वर्ग के रूप में स्थापित कर सकता है। जैसा कि कहा भी गया है 
"कौन हिंदू कौन मुस्लिम कौन सिख, सरदार है। चीर कर देखो नसों में एक खून की धार है।। अतः हम सभी राष्ट्र निर्माता एवं राष्ट्र के भविष्य बच्चों को यह संकल्प लेना है कि हमको स्वर्ग के जैसा भाईचारा पूर्ण देश बनाना है जहां किसी भी प्रकार का वर्ग विभेद, सांप्रदायिकता एवं अयं निज: परोवेति वाली भावना ना हो। इस प्रकार गांधीजी के दर्शन को व्यवहार में उतारने एवं सम्पूर्ण राष्ट्र में व्यापक कर देने के संकल्प के साथ गांधी-शास्त्री जयंती समारोह को सार्थक बनाने का संकल्प लिया गया। 

इस मौके पर सचिन कुमार सिंह, अमित कुमार, सुषमा देवी, पूनम कुमारी, शोभा रानी, किरन देवी तथा समस्त छात्र-छात्राएं एवं अभिभावक गढ़ भी मौजूद रहे अंत में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका द्वारा सफल कार्यक्रम के लिए सभी का आभार ज्ञापित किया गया। मिष्ठान वितरण करते हुए सभा का विसर्जन किया गया।
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